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महाविद्या दसवा स्वरूप - माँ कमला| Maa Kamla on 19 Feb 2024 (Monday)

गुप्त नवरात्री में इन तरीकों से करें माँ कमला की पूजा

गुप्त नवरात्री में माँ कमला की पूजा का महत्तव-

माँ कमला दस महा विद्याओं में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं ये दस महाविद्याओं में दसवीं महाविद्या है. माँ कमला को शक्ति के प्रथम अवतार ले रूप आदि शक्ति के नाम से भी जाना जाता हैं . शास्त्रों में माँ कमला को भाग्य, सम्मान, पवित्रता और परोपकार की देवी माना गया है . देवी कमला सभी दिव्य गतिविधियों में उर्जा के रूप में मौजूद रहती हैं. माँ कमला भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति हैं गुप्त नवरात्री में माँ कमला की पूजा करने से कौशल विकास एवं गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती हैं . इनकी पूजा से माँ लक्ष्मी की पूजा के समान पुण्य प्राप्त होता माँ कमला अपने भक्तो को धन और ऐश्वर्य का वरदान देती हैं. खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए माँ कमला की पूजा बहुत महत्वपूर्ण होती है माँ कमला गर्भवती स्त्री के गर्भ की रक्षा करती हैं .उनका पोषण करती है.

माँ कमला की पूजा के लाभ-

• माँ कमला 10 महाविद्या में से दसवीं महाविद्या हैं.

• शास्त्रों ने महाविद्या कमला को श्रीहरी विष्णु की साथी बताया गया है. ऐसा माना जाता है की देवी कमला भगवान् विष्णु की सबसे बड़ी ताकत है

• माँ कमला का रूप, देवी लक्ष्मी के समान मन को शांति प्रदान करने वाला है.

• माँ कमला प्रसिद्धी, भाग्य, धन की देवी है

• अगर कोई व्यक्ति गुप्त नवरात्री में सच्चे मन से माँ कमला की पूजा करता है उसे धन, समृद्धि की प्राप्ति होती है

• इसके अलावा प्रजनन और बच्चों के अच्छे विकास के लिए भी माँ कमला की पूजा की जाती है

• माँ कमला को  भाग्य, सम्मान, पवित्रता और परोपकार की देवी भी माना जाता है.

• गुप्त नवरात्री में माँ दुर्गा के नौ रूपों के साथ साथ दस महाविद्याओं की  पूजा की जाती है

• गुप्त नवरात्री में तांत्रिक पूजा का महत्व होता हैं

• माँ कमला की पूजा करने के पश्चात् कन्या भोज कराया जाता है, जिसमे 9 वर्ष से कम आयु की कन्याओं को भोजन करवाने के बाद दान दिया जाता है.

पूजा विधि :

• महाविद्या कमला की साधना करने के लिए गुप्त नवरात्री में स्नान करने के पश्चात् शुद्ध लाल वस्त्र धारण करें.

• अब अपने घर के किसी एकान्त स्थान या पूजा के कमरे में पूर्व दिशा की ओर  मुख करके बैठ जाएँ

• बैठने के लिए लाल ऊनी आसन का प्रयोग करे.

• अब अपने सामने एक लकड़ी की चौकी रखे और इसके ऊपर थोड़ा सा गंगाजल छिड़ककर इसे शुद्ध कर लें

• अब लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.

• अब चौकी पर ताम्बे की प्लेट में एक कमल का फूल रखें

• अब कमल के फूल के बीच में सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त "कमला यंत्रकी स्थापना करें

• अब कमला यंत्र के दायीं ओर भगवान शिव जी और अपने गुरु की फोटो की स्थापना करें

• अब कमला यंत्र के समक्ष शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें और विधिवत यंत्र का पूजन करें और मन्त्र का जाप करें

• मंत्र का जाप करने के पश्चात् कमला कवच का पाठ करें

• माँ कमला की साधना ग्यारह दिनों की साधना है . माँ कमला की साधना करते समय साधक को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ सभी नियमों का पालन करना चाइये

• रोज़ाना जाप करने से पहले ऊपर दी गई संक्षिप्त पूजन विधि अवश्य करें

• साधक को माँ कमला साधना करने की जानकारी को हमेशा गोपनीय रखना चाहिए नहीं तो यह साधना सफल नहीं होती है.

• ग्यारह दिनों के पश्चात् हवन करें. हवन के लिए कमल गट्टे, लाल पुष्प, शुद्ध घी व् हवन सामग्री मिलाकर रखे.

• अब इन सभी चीजों से हवन  कुंड में आहुति दें

• हवन पूर्ण होने के पश्चात् कमला यंत्र को एक साल के लिए वही रहने दें जंहा पर आपने साधना की हैं, और बाकि बची हुई पूजा सामग्री को किसी बहती हुई नदी में प्रवाहित कर दें. या किसी पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें

• ऐसा करने से आपकी कमला साधना पूरी हो जाएगी और आपके ऊपर  माँ कमला देवी की कृपा हमेशा बनी रहेगी.

• माँ कमला की साधना करने से मनुष्य के जीवन में कभी धन, धान्य, भूमि, वाहन, लक्ष्मी आदि की कमी नहीं होती है और साथ ही धन से जुडी सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.

• गुप्त नवरात्री में कमला साधना के साथ गुरु पूजा और गौ पूजा का भी बहुत महत्त्व होता है


माँ कमला से जुडी विशेष बाते-

• गुप्त नवरात्री में माँ कलमा का अभिषेक करने के पश्चात् ही सम्पूर्ण पूजा करें.

• पूजा करने से पहले माँ कमला का पूरा श्रृंगार करें और देवी को कुमकुम, हल्दी, अक्षत, सिन्दूर आदि अर्पित करें.

• माँ कमला की पूजा में दान का बहुत अधिक महत्व होता हैं

• इस दिन भक्त अपनी क्षमता अनुसार दान करते हैं

• गुप्त नवरात्री में दान करने से घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है.

• इस दिन अनाज और वस्त्रो का दान करना बहुत शुभ माना जाता हैं

 

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