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यमुना छठ से जुड़ी पौराणिक कथा

यमुना छठ से जुड़ी पौराणिक कथा

यमुना छठ से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। इस कथा के अनुसार सूर्य की पत्नी छाया की पुत्री यमुना तथा पुत्र यम थे। वे दोनों ही श्याम वर्ण के थे। यम अपनी बहन यमुना से बहुत स्नेह करते थे। इसलिए यमराज ने बहन यमुना को यह आर्शीवाद दिया कि यमुना नदी में स्नान करने से कोई भी व्यक्ति यमलोक नहीं जाएगा। तभी से यमुना में स्नान करना पवित्र माना जाता है।  साथ ही यह मान्यता भी प्रचलित है कि जब श्रीकृष्ण ने लक्ष्मी जी को राधा का रूप लेकर आने के लिए तो वह यमुना जी को भी अपने साथ ले आयीं। इसलिए द्वापर युग में यमुना धरती पर नदी के रूप में अवतरित हुईं। इसलिए ब्रज में यमुना को मां के रूप में माना जाता है तथा यमुना छठ पर विशेष पूजा-पाठ करने के लिए भक्त एकत्रित होते हैं।