हमारे शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास की नवमी तिथि के दिन आंवला नवमी का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर पूर्णिमा के दिन तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ पर निवास करते हैं. आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ के साथ साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी तथा कुष्मांड नवमी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है की आंवला नवमी के दिन गंगा स्नान, पूजा, हवन, तर्पण और दान पुण्य करने से मनुष्य को मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है, पर आजकल लोग शहरों में रहते हैं. जिसकी वजह से गंगा स्नान करना संभव नहीं हो पाता है. यदि आप नदी में जाकर गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें. ऐसा करने से आपको गंगा स्नान करने जितना पुण्य प्राप्त होगा.
अक्षय नवमी पूजन विधि -