1. ब्रह्म मुहूर्त (सूर्य उदय के पूर्व) में उठकर, पीले रंग के वस्त्र धारण करें। भगवन गणेश के व्रत का संकल्प लें|
2. पूजन के समय, एक चौकी रखें उसपे हरे रंग का कपडा बिछाएं और गणेश मूर्ति की स्थापना करें|
3. मूर्ति स्थापना के पश्चात कलश स्थापना करें, एक लोटे में जल लें उसपे आम के पत्ते और श्री फल रखें|
4. श्रीफल अथवा लोटे दोनों पर हल्दी कुमकुम से स्वस्तिक बनाये और कलावा अर्पित करें|
5. इसके पश्चात षोडश ओपचार पूजन करें निम्न लिखित तरीके से:-
i. आवाहन - समस्त देवी देवताओ का ध्यान कर उनका स्वागत करें|
ii. आसन - सब देवी देवताओं को स्थान ग्रहण कराएं
iii. पद्य - जल से सभी देवी देवताओं के चरण धोये
iv. अर्ग्य - अपने हाथों पर जल छींटा देकर हाथ धोये
v. आचमन - जल से आचमन करें
vi. स्नान - मूर्तियों अथवा खुद पर गंगाजल का छींटा देकर शुद्ध करें
vii. स्नान - भगवान गणेश को क्षमता अनुसार वस्त्र अर्पित करें. अगर वस्त्र न हो तो मोली को वस्त्र के रूप में अर्पण करें
viii. यज्ञोपवीत - गणेश जी को जनेऊ अर्पित करें.
ix. आभरणाम - भगवान गणेश को क्षमता अनुसार गहने अर्पित करें. (मानसिक रूप से भी आप गहने अर्पित कर सकते हैं)
x. गंध - गणेश जी को चन्दन की सुगंध अर्पित करें
xi. पुष्पम - पीले फूलों की माला भगवान को अर्पित करें
xii. धूपं - धुप अथवा अगरबत्ती लगाएं
xiii. दीपम - घी अथवा तिल के तेल का दीपक जलाएं
xiv. नैवेद्य - फल, मिठाईयों का भोग भगवान गणेश को लगाएं
xv. अर्चना - सबसे पहले गणेश वंदना कर पूजा शुरू करें| गणेश मन्त्र का जप करें (ॐ गं गणपतये नमः) व् गणेश स्तोत्र का पाठ करें|
xvi. नमस्कारम - अपनी पूजा के पूर्ण होने पर गणेश भगवान सहित समस्त देवी देवता को नमस्कार कर अपनी पूजा स्वीकार करने की प्रार्थना करें|