ज्येष्ठ शुक्ल दशमी की शुभ बेला को हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से माता गंगा धरती पर पधारी थी। इसीलिये इस विशेष तिथि को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। इस पवित्र दिन गंगा जी में सुबह के समय स्नान करना बहुत ही विशेष माना गया है। इसके अतिरिक्त भक्त अन्न-वस्त्रादि का दान करते है ताकि मां गंगा की असीम कृपा उन पर बनी रहे। इस शुभ दिन बहुत ही भक्ति भाव के साथ जप-तप-उपासना और उपवास करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। मां गंगा की उपासना से आपके सभी प्रकार के पाप व विकार दूर होते है जैसे 3 प्रकार के कायिक, चार प्रकार के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक विकार पूरी तरह से दूर हो जाते हैं।