ज्येष्ठ गौरी पूजन
1. ज्येष्ठ गौरी पूजन हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाला एक बहुत ही सुन्दर पर्व है| जो की मुख्यता महाराष्ट्र की महिलाओं द्वारा बहुत ही ख़ूबसूरती से मनाया जाता है|
2. गौरी पूजन तीन दिन तक गौरी आवाहन, गौरी पूजा, अथवा गौरी विसर्जन के रूप में मनाया जाता है|
3. गौरी पूजन गणेश चतुर्थी व् गणेश विसर्जन के बीच मनाये जाने वाला पर्व है|
गौरी विसर्जन विधि
1. विसर्जन के दिन महिलाएं सूर्य उदय के पूर्व उठे और खुद को शुद्ध कर स्नान करें|
2. विसर्जन से पहले माँ गौरी की विधिवत पूजा करें
3. उनके आगे दीपक लगाएं|
4. उनको सुन्दर सुंगंधित फूल अर्पित करें|
5. उनको फल, मिष्ठान, हलवा पूरी आदि का भोग लगाएं|
6. उनकी कपूर से आरती कर उनके मन्त्र ॐ पार्वत्यै नमः का जाप करें|
7. पूजा पूर्ण होने के बाद गाजे बाजों के साथ उनकी मूर्ति विसर्जन के लिए निकले|
8. किसी पवित्र नदी सरोवर पर जाकर उनका मूर्ति विसर्जन करें|
9. माँ गौरी से अपनी पूजा स्वीकार करने की प्रार्थना करे और उनसे पूजा में हुई भूल की क्षमा याचना करें|
10. विसर्जन के दौरान माँ गौरी के 108 नाम का मन में जाप करें|(यह नाम आप एक कागज़ पर लिखकर भी साथ लकर जा सकतें है)|
11. विसर्जन के बाद प्रसाद वितरण करें भ्रमणों को भोजन कराएं उनको दान दें|
12. उसके बाद अपना व्रत का पारायण करें|(पूजा विसर्जन के पूर्व या बीच में भी फलाहार ले सकते हैं)
व्रत स्वदेव अपने स्वास्थय को ध्यान में रख कर ही करें| भगवान् आपकी श्रद्धा भाव से प्रसन्न होते है| ऐसा व्रत कदापि न करें जिस से आप अपने शरीर को कष्ट दे|