ऋतु चक्र के क्रम में वर्षा ऋतु के आगाज होते ही वसुंधरा हरी चादर से नवदूल्हन की तरह सज जाती है। चारों ओर पारम्पारिक और मंगल गीतों की गूंज सुनाइ्र्र देती। चहु ओर हरेरा सावन और आमवा और नीम की डाल में किशोर व किशोरियों द्वारा झूले डालकर रिमझिम बरसते सावन के बीच झूलों और गीतों का आनन्द उठाते हुए सम्पूर्ण भारत में हरियाली अमावस को मनाया जाता है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित भारत के अनेक राज्यों में हरियाली अमावस के पर्व पर धार्मिक स्थलों व वन क्षेत्रों में मेले लगते हैं।