माँ तारा का स्वरुप-
• तारा जयंती के दिन मां तारा की साधना अधिकतर अघोरी, तांत्रिक और साधू करते है.
• शास्त्रों में माँ तारा के तीन स्वरूपो का वर्णन किया गया हैं.
• माँ तारा का रंग नीला है. इसलिए शास्त्रों में माँ तारा को नील सरस्वती भी कहा गया है.
• नील सरस्वती के साथ साथ मां तारा को उग्रतारा भी कहा जाता है.
• मां अपना उग्र रूप धारण करके अपने भक्तों की सभी समस्याओं को दूर करती हैं और साथ ही अपने भक्तों को मृत्यु के पश्चात् मोक्ष प्रदान करती है.
• अगर कोई व्यक्ति तारा जयंती के दिन मां तारा की पूजा करता है तो उसे काम, क्रोध, मोह और लोभ से छुटकारा मिलता है.
• माँ तारा के तीसरे स्वरूप को एकजटा के नाम से जाना जाता है.