शनि जयंती का महत्व-
• पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव का जन्म जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि को हुआ था. अपने जन्म के समय शनिदेव लंबे शरीर बड़ी बड़ी आंखों वाले बड़े केश वाले और श्याम वर्ण के थे.
• शनि देव शनि जयंती के दिन सभी शनि मंदिरों में पूजा अर्चना की जाती है और शनि से जुड़ी चीजों का दान किया जाता है. ऐसा करने से कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति का असर खत्म हो जाता है.
• शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने से या उनसे जुड़ी चीजों का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. जो भी व्यक्ति इस दिन शनि देव की भक्ति पूर्वक पूजा-अर्चना करता है. वह पाप की ओर जाने से बच जाता है. जिसके कारण उसे शनि की दशा और कष्ट नहीं भोगना पड़ता है.
• शनिदेव की पूजा करने से अनजाने में किए गए पाप कर्मों और दोष से भी मुक्ति मिलती है