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विनायक चतुर्थी का पूजन|

आइए जानें कैसे करें विनायक चतुर्थी का पूजन :-
  1. ह्म मुहूर्त (सूर्य उदय के पूर्व) में उठकर, पीले रंग के वस्त्र धारण करें। भगवन गणेश के व्रत का संकल्प लें|
  2. पूजन के समय, एक चौकी रखें उसपे हरे रंग का कपडा बिछाएं और गणेश मूर्ति की स्थापना करें|
  3. मूर्ति स्थापना के पश्चात कलश स्थापना करें, एक लोटे में जल लें उसपे आम के पत्ते और श्री फल रखें|
  4. श्रीफल अथवा लोटे दोनों पर हल्दी कुमकुम से स्वस्तिक बनाये और कलावा अर्पित करें|
  5. इसके पश्चात षोडश ओपचार पूजन करें निम्न लिखित तरीके से:-
  • आवाहन - समस्त देवी देवताओ का ध्यान कर उनका स्वागत करें|
  • आसन - सब देवी देवताओं का ध्यान कर उन्हें स्थान ग्रहण कराएं
  • पद्य - जल से सभी देवी देवताओं के चरण धोये
  • अर्ग्य - हाथों पर जल छींटा देकर हाथ धोये
  • आचमन - जल से आचमन करें
  • स्नान - मूर्तियों अथवा खुद पर गंगाजल का छींटा देकर शुद्ध करें
  • वस्त्रम - भगवन गणेश को क्षमता अनुसार वस्त्र अर्पित करें. अगर वस्त्र न हो तोह मोली को वस्त्र के रूप में अर्पण करें
  • यज्ञोपवीत - गणेश जी को जनेऊ अर्पित करें.
  • आभरणाम - भगवन गणेश को क्षमता अनुसार गहने अर्पित करें. (मानसिक रूप से भी आप गहने अर्पित कर सकते हैं)
  • गंध - गणेश जी को चन्दन की सुगंध अर्पित करें
  • पुष्पम - पीले फूलों की माला भगवन को अर्पित karen
  • धूपं - धुप अथवा अगरबत्ती लगाएं
  • दीपम - घी अथवा टिल के तेल का दीपक जलाएं
  • नैवेद्य - फल, मिठाईयों का भोग भगवन गणेश को लगाएं
  • अर्चना - सबसे पहले गणेश वंदना कर पूजा शुरू करें| गणेश मन्त्र का जप करें (ॐ गं गणपतये नमः) का जाप करें व् गणेश स्तोत्र का पथ करें
  • नमस्कारम - अपनी पूजा के पूर्ण होने पर गणेश भगवान सहित समस्त देवी देवता को नमस्कार कर अपनी पूजा स्वीकार करने की प्रार्थना करें|