अग्नि नक्षत्रम पूजन विधि-
• अग्नि नक्षत्र की चौदह दिनों की अवधि के दौरान सभी भक्त पवित्र पहाड़ी गिरि वालम की 'प्रदक्षिणा' करते हैं.
• यह प्रदक्षिणा सुबह के साथ-साथ शाम के समय में भी की जाती है.
• मान्यताओं के अनुसार गिरि वल्लम पर्वत पर उगने वाली औषधीय जड़ी बूटियों की सुगंध, अच्छे स्वास्थ्य और मन की शांति प्रदान करती है.
• प्रदक्षिणा लेते समय भी; महिला श्रद्धालु वहां पर उगने वाले कदंब के फूलों से भगवान् के मंदिर की सजावट करती हैं.
• मान्यताओं के अनुसार कदम्ब का फूल भगवान मुरुगन को बहुत प्रिय होता है.
• अग्नि नक्षत्रम काल के दौरान, भगवान मुरुगन के पलानी मंदिर में अभिषेकम की प्रक्रिया की जाती है.
• अभिषेकं की प्रक्रिया में नियमित रूप से भगवान् मुरुगन का जल से अभिषेक किया जाता है.
• भगवान् का अभिषेक करने के पश्चात् इस पानी को एकत्र किया जाता है और इसे 'थेरथा' के रूप में जाना जाता है.
• अग्नि नक्षत्र के अंतिम दिन यह पानी प्रसाद के रूप में सभी भक्तों के बीच वितरित किया जाता है.
• अग्नि नक्षत्रम की चौदह दिनों की अवधि में मंदिरों और कुओं में इस पानी का छिड़काव बहुत शुभ माना जाता है.
• कुछ भक्त अपने घरों में भी इस थेर्था जल को ले जाते हैं.
अग्नि नक्षत्रम अवधि में करें ये विशेष अनुष्ठान
चया सुवर्चलाबलं समथे सूर्य नारायण होमम्
अग्नि सूक्त जप
सूर्यनार मंदिर पूजा
उर्जावान सूर्य यंत्र
चया सुवर्चलाबलं समथे सूर्य नारायण होमम्
• अग्नि नक्षत्रम की अवधि के दौरान भगवान सूर्य को समर्पित अनुष्ठान किया जाता है.
• यह अनुष्ठान सुख और समृद्धि प्रदान करता है. और जीवन के सभी कष्टों को दूर करता है.
• ये अनुष्ठान बुद्धि को व्याप्त करता है और शक्ति और ऊर्जा को बढ़ाता है.
• अग्नि नक्षत्रम की अवधि के दौरान सूर्य अनुष्ठान के के लाभ-
• इस सूर्य अनुष्ठान को करने से करियर में वृद्धि होती है.
• यह अनुष्ठान उपयुक्त परिस्थितियों के लिए सही मार्ग दिखाता है.
• इस अनुष्ठान को करने से आर्थिक संकट भी दूर हो जाता है.
• यह अनुष्ठान व्यक्ति के अंदर आनंद, शक्ति और ऊर्जा का निर्माण करता है.
• अग्नि नक्षत्रम की अवधि के दौरान सूर्य अनुष्ठान करने से आपके सभी सपने और इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.
• सूर्य अनुष्ठान मनुष्य के बुरे कर्म को दूर करता है.
• यह अनुष्ठान सूर्यदेव को समर्पित होता है. इसको करने से धन, प्रसिद्धि और उत्तम संतान की प्राप्ति होती है.
सूर्यनार मंदिर पूजा
• अग्नि नक्षत्रम की अवधि में इस मंदिर में पूजा करने से आपको अच्छी सेहत मिलती है, त्वचा की बीमारियों से राहत मिलती है, आँखों की रोशनी, शक्ति और ऊर्जा मिलती है.