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जानिए क्या है आषाढ़ मास का महत्व| on 06 Jun 2021 (Sunday)

जानिए क्या है आषाढ़ मास का महत्व|

वर्षा ऋतु की शुरुआत के साथ साथ आषाढ़ मास भी प्रारंभ होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ वर्ष का चौथा महीना होता है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक जून या जुलाई के महीने में आषाढ़ मास पड़ता है. हमारे शास्त्रों में आषाढ़ मास को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है

आषाढ़ मास का महत्व

आषाढ़ मास जेष्ठ और श्रावण मास के मध्य में पड़ता है. आषाढ़ मास का नाम पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र ऊपर रखा गया है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्र इन दोनों नक्षत्रों के मध्य रहता है. जिसकी वजह से इस महीने को आषाढ़ कहा जाता है. आषाढ़ मास में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का आयोजन होता है. इसके अलावा आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा का महत्व पूर्ण त्यौहार भी बनाया जाता है

आषाढ़ मास में पड़ने वाले व्रत और त्योहार

योगिनी एकादशी

आषाढ़ मास में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. आषाढ़ मास में पड़ने वाली योगिनी एकादशी बहुत ही शुभ कारी मानी जाती है. योगिनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है

आषाढ़ अमावस्या

आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है. आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमास्या के दिन किये गए स्नान, दान, पुण्य और पितृ कर्म बहुत ही पुण्य प्रदान करते हैं

गुप्त नवरात्रि

वर्ष में दो गुप्त नवरात्रि मनाई जाते हैं. पहली गुप्त नवरात्रि माघ महीने में मनाई जाती है और दूसरी आषाढ़ महीने में मनाई जाती है. हमारे शास्त्रों में गुप्त नवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस नवरात्रि में गुप्त रूप से माँ दुर्गा की आराधना की जाती है.

जगन्नाथ यात्रा

आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की यात्रा का प्रारंभ होता है. भगवान जगन्नाथ की यात्रा में भगवान श्री कृष्ण ,माता सुभद्रा और बलराम की पुष्य नक्षत्र में रथ यात्रा निकाली जाती है

देव शयनी एकादशी

हमारे शास्त्रों में देवशयनी एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम बंद कर दिए जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार इसी दिन से भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए सो जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं

आषाढ़ पूर्णिमा

आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को बहुत ही खास माना जाता है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को ही गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है

आषाढ़ मास में किन देवी देवताओं का पूजन करें

आषाढ़ मास में गुरु की उपासना बहुत ही शुभ और फल कारी मानी जाती है. इस महीने में शक्ति की आराधना करना भी शुभ माना जाता है. आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है. आषाढ़ मास में जल देवता की उपासना करने से धन प्राप्ति के मार्ग खुल जाते हैं. आषाढ़ मास में मंगल और सूर्य की उपासना अवश्य करनी चाहिए. इस महीने में मंगल और सूर्य की उपासना करने से ऊर्जा का स्तर उत्तम रहता है

आषाढ़ मास में खानपान का रखें ध्यान

आषाढ़ मास में जलयुक्त फलों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए. आषाढ़ मास में बेल का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. इस महीने में तेल मसाले वाली चीजों का सेवन कम करना चाहिए. आषाढ़ मास में सौंफ हींग और नींबू का सेवन करना उत्तम माना गया है.