बैसाखी का महत्व
क्या है बैसाखी का त्यौहार-
हिंदुस्तान में सभी लोग बैसाखी के त्यौहार को बहुत ही उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं. हर वर्ष बैसाखी के त्यौहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. विशेष रूप से बैसाखी का पर्व पंजाब में मनाया जाता है.
बैसाखी का महत्त्व-
बैसाखी का त्यौहार वैसे तो पूरे उत्तर भारत में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. पर पंजाब और हरियाणा में इसकी रौनक देखने लायक होती है. बैसाखी का त्यौहार कृषि से संबंध रखता है और हरियाणा और पंजाब दोनों ही राज्य कृषि प्रधान है. इन दोनों ही जगहों पर नई फसल के कटने के आनंद में यह त्यौहार मनाया जाता है. पर कृषि से अलग बैसाखी का त्यौहार मनाने के पीछे कई और मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं.
कब मनाया जाता है बैसाखी का त्यौहार-
• बैसाखी का त्यौहार हर वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है.
बैसाखी से जुडी विशेष बातें-
• पंजाब और हरियाणा की तरह ही बैसाखी का त्यौहार अलग अलग राज्यों में मनाया जाता है.
• रीति रिवाजों और क्षेत्रीय असामनता के कारण सभी जगहों पर बैसाखी के त्यौहार को अलग अलग नाम और अलग अलग तरीको से मनाया जाता है.
• अलग अलग रीति रिवाजो के बावजूद सभी जगहों पर बैसाखी का त्यौहार फसलों से ही जुड़ा होता है.
• सभी जगहों पर इस त्यौहार को मनाने के पीछे अलग अलग कहानियां और किवदंतियां मशहूर हैं.
इसी दिन की गयी थी खालसा पंथ की स्थापना-
• मान्यताओं के अनुसार साल 1699 में इसी दिन सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की थी. जिससे मुगल शासकों द्वारा किये गए अत्याचारों से छुटकारा मिल सके.
इसी दिन हुई थी आर्य समाज की स्थापना
• साल 1875 में बैसाखी के दिन ही स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की नींव रखी थी.
इसी दिन हुई थी भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति-
• बौद्ध समुदाय के अनुसार बैसाखी के दिन ही भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था.
सभी राज्यों में अलग अलग नामो से मनाया जाता है-
• पंजाब और हरियाणा में जहां इस त्यौहार को बैसाखी के रूप में जाना जाता है तो वही असम में इस दिन को बिहू के रूप में मनाते हैं.
• बिहू के दिन असम में रहने वाले सभी किसान फसल काटकर इस त्यौहार को मनाते हैं.
• बंगाल में इस दिन को पोइला बैसाख के रूप में मनाते हैं.
• पोइला बैशाख के दिन बंगाल में नया साल भी मनाया जाता है.
• केरल में इस त्यौहार को विशु कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है. इसी वजह से इस दिन को मेष संक्रांति के रूप में भी मनाया जाता है.
कैसे मनाते है बैसाखी का त्यौहार-
• बैसाखी के त्यौहार के दिन पंजाब में सभी लोग ढोल-नगाड़ों पर झूम कर नाचते-गाते हैं.
• इस दिन सभी गुरुद्वारों में सजावट की जाती है.
• इस दिन सभी गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता हैं.
• इस दिन सभी लोग एक-दूसरे को नव वर्ष की बधाई देते हें.
• बैसाखी के त्यौहार के दिन सभी घरों में अलग अलग तरह तरह के पकवान बनाये जाते है और पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना खाते है.
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