भाद्रपद महीने की महानता और इससे जुडी विशेष बातें
भाद्रपद महीने में हिन्दू धर्म के बहुत सारे त्यौहार आते हैं. इस महीने में पड़ने वाले त्योहारों में जन्माष्टमी व गणेशोत्सव सबसे मुख्य त्यौहार हैं. भाद्रपद महीने को भादो का महीना भी कहा जाता है. जो भी व्यक्ति इस माह में स्नान, दान और व्रत करता है उसके सभी पापों का नाश होता है. भाद्रपद के महीने को शून्य मास भी कहा जाता है, क्यों कि इस माह में लोक व्यवहार के कार्य वर्जित होते हैं.
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भाद्रपद महीने का महत्व-
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि भाद्र का अर्थ कल्याण करने वाला होता है. मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद का महीना चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में से दूसरा महीना होता है. भाद्रपद मास में स्नान, दान और उपवास करने से मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस महीने में गलतियों को याद करके प्रायश्चित करना सर्वोत्तम होता है. भाद्रपद के महीने में घर निर्माण, शादी, सगाई, मुंडन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य शुभ कारी नहीं माने जाते हैं. इसलिए इस महीने में स्नान दान को सबसे उत्तम माना गया है. शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद के महीने में कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है और साथ ही कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन पर भी निषेध बताया गया है.
भाद्रपद में भूलकर भी ना करें इन चीजों का सेवन-
भाद्रपद मास में कच्ची चीजों का सेवन ना करें. इस महीने में दही का सेवन करना हानिकारक होता है. भाद्रपद के महीने में गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. इसके अलावा इस महीने में तिल के तेल का सेवन भी नहीं करना चाहिए. भाद्रपद के महीने में रक्तचाप बढ़ने की संभावना अधिक होती है, इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें. इस महीने में सुबह और शाम शीतल जल से स्नान करें. जिससे आपका आलस्य दूर हो जाए. भाद्रपद के महीने में भगवान श्री कृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और तुलसी के पत्ते का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.
भाद्रपद माह में पड़ने वाले मुख्य त्योहार-
भाद्रपद के महीने में गणेश चतुर्थी और गणेश महोत्सव का त्यौहार मनाया जाता है. इस महीने में श्री कृष्ण, बलराम और राधा का जन्म उत्सव भी मनाया जाता है. भाद्रपद के महीने में महिलाओं के सौभाग्य को बढ़ाने वाला त्यौहार हरतालिका तीज भी मनाया जाता है. इस मास में आनंद पुण्य प्रदान करने वाला त्यौहार अनंत चतुर्दशी भी आता है. भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को वत्स द्वादशी का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व पर परिवार की महिलाएं गाय और उसके बछड़े का विशेष पूजन करती हैं. पूजा के पश्चात महिलाएं अपने बच्चों को प्रसाद के रूप में सूखा नारियल प्रदान करती हैं. यह पर्व सभी महिलाएं अपने बच्चों की सुख शांति के लिए करती हैं.
भाद्रपद में इन तरीकों से पाएं श्री कृष्ण की कृपा-
भाद्रपद के महीने में नियमित रूप से भगवान श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान करवाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति संतान प्राप्ति की कामना रखता है तो उसे भाद्रपद के महीने में भगवान श्री कृष्ण का जन्म कराना चाहिए. आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए भाद्रपद के महीने में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना शुभकारी माना जाता है. अगर आप भाद्रपद के महीने में अपने घर के मंदिर में लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना करते हैं तो इससे आपके घर में सुख और समृद्धि आती है. अगर अपने को निरोगी काया पाना चाहते हैं तो भाद्रपद के महीने में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में जाकर दूध का दान करें. भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में दूध का दान करने से स्वास्थ्य से जुडी सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा ऐसा करने से आपके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. अपना गुडलक बढ़ाने के लिए भाद्रपद के महीमें में भगवान श्रीकृष्ण पर अर्पित किया गया सफेद पुष्प अपनी जेब में रखें. अगर आप भाद्रपद के पूरे महीने भगवान श्री कृष्ण पर अर्पित किया फूल अपने जेब में रखते हैं तो आपके सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी.