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भादों पूर्णिमा | Bhado Purnima on 07 Sep 2025 (Sunday)

भाद्रपद हिंदू कैलेंडर में बहुत ही शुभ महीनों में से एक माना जाता है। यह महीना सबके प्रिय भगवान श्री गणेश का उत्सव का माह भी माना जाता है। खास तौर पर यह भाद्रपद पूर्णिमा का त्यौहार गुजरात राज्य में बहुत ही अधिक प्रचलित है।

गुजरात में भाद्रपद पूर्णिमा –

यूं तो भाद्रपद पूर्णिमा पूरे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है लेकिन गुजरात में इसको विशेष महत्तव दिया जाता है। इस दिन को गुजराती लोग बहुत ही प्रेम, श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते है। इस खास दिन पर श्रद्धालु पूरे रीति रिजाव के साथ अम्बा देवी की पूजा करते हैं

इस दिन लोग अंबा देवी मंदिर में देवी अंबा देवी को प्रसन्न करने के लिए लोक नृत्य भी करते हैं ताकि वह भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य, प्रसन्नता और समृद्धि के साथ आशीर्वाद दें। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ने सती देवी के शरीर को काटा तो उनका दिल एक स्थान पर गिरा था और इसी स्थान पर मां अंबा देवी जी का मंदिर बनाया गया था।

और इस दिन कई जगह मेले भी लगते है जिनमें हर वर्ग के लोग बढचढ कर हिस्सा लेते हैं। इस दिन मंदिरों में खासी भीड़ देखी जा सकती है। इस शुभ दिन पर उनका आशीर्वाद लेने के लिए दूर दूर से अंबाजी मंदिर में आते हैं और नजारा देखते ही बनता है ।

भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व -

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जात है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और भक्तों को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। भाद्रपद पूर्णिमा के अगले दिन से ही पितृ पक्ष श्राद्ध शुरू होता है और इसी कारण भाद्रपद पूर्णिमा का बहुत ही महत्व दिया जाता है।

भाद्रपद् पूर्णिमा और धार्मिक कार्यों में इसकी महत्ता –

हर हिंदू चंद्र महीने में एक अमावस्या और एक पूर्णिमा अवश्य आती है। प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा का दिन धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही अधिक शुभ होता है और यदि बहुत दिनों से किसी विशेष काम को करने के लिये शुभ दिन का इंतजार कर रहे थे तो भाद्रपद पूर्णिमा बहुत ही शुभ दिन हैं।

भाद्रपद पूर्णिमा और गृह प्रवेश –

भाद्रपद पूर्णिमा से अच्छा और कोई अन्य दिन नहीं हो सकता है यदि आप गृह-प्रवेश करना चाहते हैं। इसके अलावा यह दिन भगवान विष्णु के भक्तों के लिये भ बहुत मायने रखता है।ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेने से जीवन के बहुत से कष्ट समाप्त हो जाते हैं।

भाद्रपद पूर्णिमा के अनुष्ठान

भाद्रपद पूर्णिमा को एक विशेष त्यौहार से कम नहीं माना जाता है और इसी लिये इसके साथ कई अनुष्ठान जुड़े हुए हैं।

  • जैसा कि पहला अनुष्ठान यह है कि इस दिन भक्तों को उठकर स्नान करना चाहिये। इस दिन गंगा या नर्मदा जैसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भक्तों को भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद मिलता है।
  • इस पूर्णिमा पर सत्यनारायण पूजा को करना बहुत ही शुभ मानते है। और ज्यादातर घरों में भाद्रपद पूर्णिमा पर यह विशेष पूजा आयोजित की जाती है। भगवान सत्यनारायण की मूर्ति को पंचामृत (शहददहीशक्करघी और दूध का मिश्रण) से स्नान कराया जाता है। भक्त भगवान सत्यनारायण को मिठाई और फल का भोग लगाते है।
  • पूजा के बाद सत्यनारायण जी की कथा का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है और यदि यह पूजा घर में आयोजित की जाती है तो घर में खुशियों का वास होता है। और यही बहुत ही अधिक शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान ब्रह्माभगवान विष्णुभगवान शिव और लक्ष्मी देवी जी अन्य कहानियों का भी पाठ करते हैं ताकि उनका भी आशीर्वाद इस विशेष मौके पर लिया जा सके।
  • कुछ भक्त इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत भी रखते हैं और उसे पूरी श्रद्धा के साथ किया जाता है। इस विशेष उपवास में केवल दूध उत्पादों और फलों का सेवन किया जा सकता है। इस दिन व्रत रखने वाले भक्तों को अनाजदालेंनमक को सेवन नहीं करना चाहिये ।
  • भाद्रपद पूर्णिमा का दिन "महा मृत्युंजय हवन" आयोजित करने के लिए भी विशेष रुप से काफी शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हवन करने वाले भक्तों के जीवन से सभी तरह का नकारात्मकता का नाश हो जाता है।

भाद्रपद पूर्णिमा और दान -

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन अगर जरूरतमंद लोगों को दानअन्नवस्त्र, दवाई, फला आदि दान किये जायें तो विशेष फल की प्राप्ति होती है।