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भानु सप्तमी on 04 Feb 2025 (Tuesday)

सूर्य भगवान को भानु नाम से भी जाना जाता है। रविवार का दिन सूर्य् भगवान को विशेष रुप से सर्मपित माना जाता है। सूर्य को सभी नौ ग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है है और इसीलिये इनका स्थान सभी ग्रहों के बीच में रखा गया है। भगवान सूर्य की दो पत्नी है एक नाम छाया और दूसरी का नाम संध्या। भानु सप्तमी पर सूर्य की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। आइये और जानते है इस पवित्र भानु व्रत-त्यौहार के बारे में विस्तार से -

भानु सप्तमी का क्या अर्थ है?
जब सप्तमी तिथि और रविवार एक साथ पडते हैं, तो इसे भानु सप्तमी के रूप में जाना जाता है। इस दिन को सूर्य सप्तमी या वैवस्वतमा सप्तमी के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले भक्तगण नदी में स्नान करते हैं और फिर भगवान सूर्य की पूजा आराधना करते हैं। सूर्य की किरणों का स्वागत करने के लिए महिलाएं अपने घरों के बाहर आंगन में रंगोली बनाती है। इस दिन भगवान सूर्य को प्रसाद में खीर अर्पित की जाती है। यह खीर 12 अनाजों से बनती है। 

भानु सप्तमी से जुडी परौणिक कथा:-
इस दिन, पहली बार भगवान सूर्य ने सात घोड़ों के रथ पर अपनी पहली सवारी की थी, इसलिए इस दिन को सूर्य सप्तमी या व्यासवत्तम सप्तमी भी कहा जाता है। एक वर्ष में 52 रविवार होते है जिसमें से सिर्फ कुछ ही रविवार को भानु सप्तमी पडती हैं। भानु सप्तमी के दिन भगवान सुर्य का तेज बहुत ज्यादा होता है इसलिए इस दिन भगवान सूर्य को जल अर्पित करने पर विशेष लाभ मिलता है। भगवान शानि जी भगवान सुर्य की संतान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिन भगवान सूर्य की पूजा अर्चना सही तरीके से की जाये तो आपकी कुण्डली में से शानि दोष कुछ कम हो जाता है।

भानु सप्तमी का महत्व और इसकी महत्ता:-
  • भानु सप्तमी सूर्य गृह्ण के बराबर ही मानी जाती है। इस दिन सूर्य को जल तर्पण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। जल तर्पण करने समय उसमें चीनी, चावल व रोली जरूर डालें। 
  • इस दिन पवित्र जल में डुबकी लगाना और दान करना भी काफी शुभ माना जाता है। गेहूँ से बनी मिठाइयों को छत या फिर किसी अन्य खुले स्थान पर रख कर सुर्य को अर्पित करने से विशेष लाभ होता है।
  • भानु सप्तमी पर सूर्य देव को प्रसन्न करने पर विशेष लाभ मिलता है। यदि आप इस दिन व्रत रखते हैं, तो आपके माता-पिता की लंबी आयु होती है। अगर उन्हे कोई लंबे समय से बीमार है तो उसे बीमारी से छुटकारा मिलता है।
  • अगर आप प्रतिष्ठित या सरकारी नौकरी के पदों को प्राप्त करके के लिये परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो भानु सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करने से विशेष सफलता मिलती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति भगवान सूर्य की आराधना करते है। उनके भाग्य के द्वार जल्दी ही खुल जाते है।  
  • अगर आपके परिवार में किसी को आंखों से संबंधित कोई समस्या है, तो भानु-सप्तमी के दिन सुर्य भगवान को जल अर्पित करने से ऐसी समस्या दूर होती है।
  • भानु-सप्तमी के दिन आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है।
  • भानु सप्तमी पर भगवान सूर्य की महाभिषेक कर पूजा की जाती है।
  • भक्त स्वस्थ जीवन की तलाश करने के लिए भी सूर्य देव की उपासना करते है। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आदित्य श्रीराम और अन्य सूर्य स्तोत्रों का पाठ भी करना चाहिये।
  • ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं, वह गंगा नदी की तरह पवित्र हो जाते हैं और उनके घर में कभी गरीबी का वास नहीं होता है। वे सदैव सुख-सुविधाओं से संपन्न रहते है।
  • भगवान सुर्य की पुजा के बाद अपने परिजनों को प्रसाद में मीठा जरूर बांटें।