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भौमवती अमावस्या on 11 May 2021 (Tuesday)

पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भौमवती अमावस्या के दिन करें ये काम 

भौमवती अमावस्या का महत्व 

अमावस्या तिथि हर मास में आती है. शास्त्रों में बताया गया है की चन्द्रमा के दो पक्ष होते है, पहला कृ्ष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्षकृ्ष्ण पक्ष खत्म होने पर अमावस्या और शुक्ल पक्ष के खत्म होने पर पूर्णिमा आती है. पूर्णिमा को पर्व तिथि माना जाता है. पूर्णिमा के दिन व्रत, स्नान, दान, जप, होम और पितरों के नाम से भोजन, वस्त्र आदि का दान देना बहुत ही उतम माना जाता है. ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का महत्व दूसरे माह में पड़ने वाली अमावस्याओं की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण माना गया है. शास्त्रों के अनुसार से ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन प्रात:काल जागकर नित्यक्रियाओं से निवृत होने के पश्चात् संकल्प करके पूजा करनी चाहिए

भौमवती अमावस्या से जुडी विशेष बाते-

• भौमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिये विशेष रूप से कार्य किये जाते है

• अगर कोई व्यक्ति  भौमवती अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिये व्रत और अन्य कार्य करता है तो उसके पितरों की आत्मा को शान्ति प्राप्त होती है

• शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव होते है. इसलिए भौमवती अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, दान-पुण्य का बहुत महत्व माना है

• जब अमावस्या तिथि के दिन सोमवार, मंगलवार और गुरुवार के साथ साथ अनुराधा, विशाखा और स्वाति नक्षत्र का योग बन रहा हो तो शास्त्रों में इसे बहुत ही पवित्र योग माना गया है

• इसी प्रकार शास्त्रो में शनिवार, और चतुर्दशी तिथि के योग को भी विशेष फलदायी माना गया है.

• ऎसे योग बनने पर अमावस्या तिथि के दिन तीर्थस्नान, जप, तप और व्रत करने से किसी भी प्रकार के ऋण या कर्ज और पाप कर्मो से मिले कष्टों से छुटकारा मिलता है

• इसलिए भौमवती अमावस्या का दिन संयम, साधना और तप के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है

• हमारे धर्म पुराणों में अमावस्या के दिन कुछ विशेष व्रतों के विधान के बारे में बताया गया है जिससे मनुष्य को तन, मन और धन अभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है.

भौमवती अमावस्या के लाभ-

• हमारे धर्म ग्रंथों में बताया गया है की  मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है

• शास्त्रों में भौमवती अमावस्या के दिन  पितृ तर्पण से जुड़े कार्यों को करने का नियम बताया गया है. अमावस्या तिथि के दिन पितरों के नाम से पिंडदान और तर्पण किया जाता है

• मान्यताओं के अनुसार भौमवती अमावस्या के दिन पितरों के नाम से पिंडदान और तर्पण करने से पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

• शास्त्रों में भौमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान करने का बहुत  महत्व बताया गया है

• हमारे धर्म पुराणों में बताया गया है की भौमवती अमावस्या के दिन दान करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

• देव ऋषि व्यास ने बताया है की भौमवती अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान करने से एक हज़ार गाय के दान के बराबर पुन्य फल प्राप्त होता है

• भौमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा, पीपल के पेड और भगवान् श्री विष्णु की पूजा करने का विधान है

• इस दिन दान-दक्षिणा देना शुभ माना जाता है

• भौमवती अमावस्या के दिन हजारों की संख्या में भक्त हरिद्वार, काशी जैसे तीर्थ स्थलों और पवित्र नदियों पर स्नान करने जाते हैं.

• इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है.

• शास्त्रों में बताया गया है की इस दिन कुरुक्षेत्र में मौजूद ब्रह्मा सरोवर में डूबकी लगाने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.

• भौमवती अमावस्या के दिन ब्रम्हा सरोवर में स्नान करने के पश्चात् यहाँ  पर दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है.

• इस दिन सुबह से लेकर शाम तक पवित्र नदियों पर स्नान करने वालों भक्तो की भीड़ लगी रहती है

• इस दिन पवित्र नदियों के तट पर पवित्र श्लोकों की ध्वनि चारों तरफ सुनाई देती है

• भौमवती अमावस्या के दिन इन सभी कार्यो को करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

• भौमवती अमावस्या के दिन पितरो की शांति के लिए करें ये काम-

• भौमवती अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए किसी पवित्र नदी के तट पर पितरों के नाम से पिंडदान और तर्पण करना शुभ माना जाता है

• अपनी पितरों का तर्पण करने के लिए किसी पंडित की सलाह अवश्य लें

• भौमवती अमावस्या के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान देने और भोजन करवाने से पितर प्रसन्न होते हैं, और आपकी सभी मनोकामनाओं के पूरा होने का आशीर्वाद देते हैं

• अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह या मंगल ग्रह दोष हो तो भोमवती अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर में चमेली के तेल सिंदूर और चोला अर्पित करना चाहिए

• पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए भौमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करना उत्तम माना गया है

• अगर आपके घर के आसपास गंगा नदी नहीं है तो आप अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है

• सुख और समृद्धि प्राप्त करने के लिए भौमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें

• पित्र दोष को दूर करने के लिए भगवती अमावस्या के दिन गाय कुत्ते को हुए भिखारी आदि को भोजन करवाएं.