Indian Festivals

बिल्व निमन्त्रण | Bilv Nimantran on 27 Sep 2025 (Saturday)

 बिल्व निमंत्रण दुर्गा पूजा से पहले मनाये जाना वाला पर्व है दुर्गा पूजा की शुरुआत करने के लिए या करने से पहले बिल्व निमंत्रण एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।   'निमंत्रण' का अर्थ है विधि विधान से आमंत्रित करना।   इस पर्व में माँ दुर्गा को पूरे विधि विधान  के साथ उनका आवाहन या निमंत्रित किया  जाता है और इसी दिन के बाद से दुर्गा पूजन की शुरुआत होती है, जो षष्टी तिथि से शुरू हो विजयादशमी तक मनाया जाता है ।

मान्यताओं के अनुसार, दैत्य महिषासुर लम्बे समय तक ब्रह्मा जी का पूजन कर, अमर होने का वरदान पा लिया था।  महिषासुर दैत्य को ना ही मनुष्य मार सकता था ना ही भगवान्।  महिषासुर ने इसी बात का फायदा उठा कर चारो और हाहाकार मचा दी| दैत्य महिषासुर ने मनुष्यों को मारना शुरू कर दिया और सभी देवी देवताओं के लिए एक खतरा बन गया, तभी सभी देवताओं और भगवान् श्री विष्णु, शंकर जी और ब्रह्मा जी  के तेज से माँ दुर्गा उत्पन हुई।  माँ दुर्गा दैत्य महिषासुर का ही वध करने क लिए प्रकट हुई थी।   इसी सन्दर्भ में दुर्गा पूजा मनाई जाती है|

बिल्व निमंत्रण पंचमी तिथि के सांयकाल में मनाया जाता है| हमारे धर्म शस्त्रों के अनुसार, जिस पंचमी तिथि के सांयकाल में षष्टी तिथि भी आ जाती है वह सबसे शुभ संयोग माना जाता है| बिल्व निमंत्रण दुर्गा पूजा का सबसे महत्वपूर्ण व् सबसे पहला अनुष्ठान होता है| जो ज़्यादातर पंचमी या षष्टी (पंचमी के सांयकाल में पड़ने वाली) तिथि को मनाया जाता है| यह माँ दुर्गा को आमंत्रित करने का रिवाज़ है।  दुर्गा पूजा की शुरुआत बिल्व निमंत्रण से ही की जाती है।  
 

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