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चैत्र मास का महत्व on 13 Apr 2021 (Tuesday)

चैत्र मास: बहुत ही फलदायी होता है चैत्र का महीना, इन तरीको से करें ये खास पूजा

चैत्र मास का महत्व-

हिन्दू धर्म में चैत्र मास को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास को पहला महीना माना जाता है। ज्योतिष में बताया गया है की चैत्र मास का संबंध चित्रा नक्षत्र से होता है इसलिए इस मास को चैत्र मास कहा जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से भारतीय नववर्ष का आरम्भ होता है। चैत्र मास में ही वसंत ऋतु का अंत होता है और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है। शास्त्रों में चैत्र के इस पवित्र मास का संबंध ज्योतिष शास्त्र से भी माना गया है। क्योंकि इस चैत्र मास के आरम्भ से ही प्रकृति में शुभता और नई उर्जा का आरम्भ होता है। इसके साथ ही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। 

चैत्र महीने में मनाये जाने वाले व्रत और त्यौहार-

• मान्यता के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही भगवान् ब्रम्हा ने सृष्टि की रचना की थी। 

• चैत्र मास में ही भगवान विष्णु ने अपने दस अवतारों में से प्रथम मत्स्य अवतार धारण किया था। 

• शास्त्रों में बताया गया है की चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से सतयुग का प्रारंभ हुआ था।

• इस महीने में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। 

• इसके अलावा चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी का व्रत भी किया जाता है। 

• चैत्र मास में पड़ने वाली शुक्ल प्रतिपदा तिथि को भारतीय नवसंवत्सर की शुरुआत होती है। 

• चैत्र मास में माँ दुर्गा का पावन पर्व चैत्र नवरात्र भी मनाया जाता है। 

• इस महीने में चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को भगवान श्रीराम की जयंती (रामनवमी) का त्यौहार मनाया जाता है। 

• शास्त्रों में चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भी बहुत पवित्र माना गया है। मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन दान धर्म करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

• चैत्र मास में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित गणगौर का उपवास किया जाता है। 

• चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी व्रत किया जाता है। 

• चैत्र मास में पड़ने वाली अमावस्या संवत्सर पहली अमावस्या मानी जाती है। इस अमावस्या को पितृ कर्म के लिए बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है।

चैत्र मास में खान-पान में अवश्य बरतें ये सावधानियां

• चैत्र मास में ग्रीष्म ऋतू का आरम्भ हो जाता है इसलिए इस मास से धीरे-धीरे अनाज का सेवन करना कम कर देना चाहिए। 

• चैत्र मास में पानी का सेवन ज़्यादा करना चाहिए, इसके अलावा इस मास में ऋतु फल का सेवन अधिक करना चाहिए। 

• इस मास में भूलकर भी गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। 

• चैत्र मास में चने का सेवन अवश्य करना चाहिए। इस मास में चने का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। 

• इस महीने में भूलकर भी बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। 

चैत्र मास में करें इन देवी देवताओ की पूजा-

• इस महीने में सूर्य देव और माँ दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करना अत्यंत फलदायी होता है। 

• अगर आप यश और पद, प्रतिष्ठा पाना चाहते हैं तो चैत्र मास में सूर्य देव की उपासना करें। 

• शक्ति और ऊर्जा प्राप्त करने के लिए चैत्र मास में माँ दुर्गा की उपासना शुभकारी होती है। 

• चैत्र मास में लाल फलों का दान करना उत्तम माना जाता है। इसके अलावा इस महीने में रोज़ाना पेड़ पौधों में पानी डालना चाहिए।