फाल्गुन मास का आरम्भ, जानिये फाल्गुन महीने में मनाये जाते है कौन से व्रत और त्यौहार
फाल्गुन मास का महत्व -
हिंदु कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने को साल का अंतिम महीना माना जाता है. फाल्गुन महीना अध्यात्म के साथ ही उत्सव के लिए भी जाना जाता है. इस मॉस में रंगों का त्योहार होली, शिव-पार्वती के विवाह का प्रसंग महाशिवरात्रि मनाये जाते हैं. इसके अलावा फाल्गुन मॉस में ही वसंत ऋतु का उत्सव भी मनाया जाता है. फाल्गुन मॉस में विशेष रूप से दो देवताओं की पूजा की जाती है. पहले भगवान कृष्ण और दूसरे चंद्रमा. फाल्गुन महीने में भगवान कृष्ण के साथ साथ चंद्रदेव की आराधना का भी महत्व है क्योंकि पुराणों के अनुसार चंद्रदेव का जन्म भी फाल्गुन मास में ही हुआ था.
फाल्गुन मास में कौन से देवता की पूजा करें-
• शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण के तीन रूपों की पूजा करना शुभ माना गया है.
• भगवान् कृष्ण के तीन रूप हैं बालकृष्ण, राधा-कृष्ण और गुरु कृष्ण
• पुराणों में बताया गया है की जो लोग संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं उन्हें फाल्गुन मॉस में बाल कृष्ण की आराधना करनी चाहिए.
• जो लोग सुख-समृद्धि पाना चाहते हैं उन्हें फाल्गुन मॉस में राधा-कृष्ण की उपासना करनी चाहिए.
• जो लोग ज्ञान प्राप्त करना चाहते है उन्हें फाल्गुन मॉस में योगोश्वर जगदगुरु कृष्ण की उपासना करनी चाहिए.
फाल्गुन मास में क्या करे-
• आयुर्वेद और अध्यात्म के अनुसार फाल्गुन मॉस ठंडे जल से स्नान करना उत्तम होता है.
• फाल्गुन मॉस में कभी भी गर्म पानी से स्नान नहीं करना चाहिए. क्योंकि, इस महीने में मौसम के बदलने के कारण शरीर में गर्म पानी से नहाने की वजह से कमजोरी या संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है.
• फाल्गुन मॉस में नियमित रुप से भगवान कृष्ण की आराधना करनी चाहिए और भगवान कृष्ण को सुगंधित फूल अर्पित करने चाहिए.
• इस महीने में हमेशा हल्के वस्त्र धारण करने चाहिए और हमेशा संतुलित श्रंगार करना चाहिए.
• फाल्गुन मॉस में सोते वक़्त अधिक गरम कंबल या रजाई नहीं ओढ़ने चाहिए.
• अगर आप तनाव मुक्त रहना चाहते हैं तो फाल्गुन मॉस में ध्यान आदि करना चाहिए.
फाल्गुन महीने में किस चीज का विशेष प्रयोग करें-
• अगर आप क्रोध या चिड़चिड़ाहट की समस्या से परेशान है तो फाल्गुन मॉस में श्रीकृष्ण को नियमित रूप से अबीर गुलाल चढ़ाएं.
• मानसिक अवसाद की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से सुगन्धित जल से स्नान करें और चन्दन की सुगंध का इस्तेमाल करें.
• अगर आप हमेशा बीमार रहते है तो फाल्गुन मॉस में शिव जी को नियमित रूप से सफ़ेद चंदन अर्पित करें.
• आर्थिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए फाल्गुन मॉस में नियमित रूप से माँ लक्ष्मी को गुलाब का इत्र या गुलाब अर्पित करें.
फाल्गुन मास में मनाए जाने वाले व्रत और त्योहार.
जानकी जयंती-
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन माता सीता की जयंती मनाई जाती है. सीता जयंती के दिन माता सीता का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन उनकी पूजा-अर्चना की जाती है.
विजया एकादशी-
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का पर्व मनाया जाता है.
महाशिवरात्रि-
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की पूजा की जाती है. सभी लोग इस दिन श्रद्धा पूर्वक व्रत करके भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का ब्याह करते हैं.
फाल्गुनी अमावस्या-
इस दिन को धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. फाल्गुनी अमावस्या के दिन लोग अपने पितरों के लिए दान और तर्पण करते हैं. फाल्गुनी अमावस्या को श्राद्ध पूजन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.
आमलकी एकादशी-
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी कहा जाता है. शास्त्रों में इस व्रत को बहुत ही शुभ माना गया है. जो लोग पूरी श्रद्धा के साथ आमलकी एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें सुख समृद्धि के साथ-साथ धन की भी प्राप्ति होती है. आमलकी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त होता है.
होली-
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन बहुत ही धूमधाम के साथ होली का त्यौहार मनाया जाता है. शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है.