Indian Festivals

गुप्त नवरात्रि महाविद्या सप्तम स्वरूप - माँ धूमावती| Maa Dhumawati on 05 Feb 2025 (Wednesday)

गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन कैसे करें मां धूमावती की पूजा 

गुप्त नवरात्री में माँ धूमावती की पूजा का महत्व-

गुप्त नवरात्रि तंत्र मंत्र साधना पर विश्वास रखने वाले लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. इस नवरात्रि में लोग अपनी सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए 10 महाविद्याओं की उपासना करते हैं. मां धूमावती दसमहाविद्या में सातवीं विद्या है. शास्त्र रुद्रामल तंत्र में बताया गया है कि सभी 10 महाविद्या शिव की शक्तियां है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब माता सती ने अपने पिता के यहां हवन कुंड में अपनी इच्छा अपने आप को जलाकर भस्म कर दिया था. तब उनके शरीर से जो धुआं निकला था उसी धुंए से माँ धूमावती प्रकट हुई थी. अर्थात मां धूमावती धुंए के स्वरूप में माता सती का भौतिक रूप है. मां धूमावती को रोग शोक और दुख को नियंत्रित करने वाली महाविद्या माना जाता है. पद्म पुराण में बताया गया है की दुर्भाग्य की देवी धूमावती मां लक्ष्मी की बड़ी बहन है. परंतु इनका स्वरूप मां लक्ष्मी से बिल्कुल उल्टा है. शास्त्रों के अनुसार मां धूमावती पीपल के पेड़ में निवास करती हैं. मान्यताओं के अनुसार धूमावती को दरिद्रता, अलक्ष्मी और ज्येष्ठा के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पाप, आलस्य, गरीबी, दुख और कुरूपता पर माँ धूमावती का आधिपत्य रहता है

मां धूमावती का स्वरूप

• मां धूमावती कौवे पर सवार रहती हैं

• यह मनुष्य के जीवन से दुख दुर्भाग्य और दरिद्रता को दूर करती हैं

• पंच रात्र के अनुसार उग्र चंडिका उग्रतारा जैसी उग्रता भयंकर प्रवृत्ति वाली देवियों को मां धूमावती ने अपने शरीर से प्रकट किया है

• मां धूमावती की ध्वनि हजार गीदड़ों के एक साथ चिल्लाने के समान है. जो मनुष्य के मन में भय उत्पन्न करती है

• मां धूमावती ने एक बार क्रोध में आकर अपने पति महादेव का भक्षण कर लिया था

• धूमावती देवी का संबंध भूख से भी है

• मां धूमावती हमेशा अतृप्त और भूखी रहती हैं. जिसके कारण वह दुष्ट दैत्य का संघार कर उनके उन्हें भोजन के रूप में ग्रहण करती हैं

• शास्त्रों में बताया गया है कि मां देवी धूमावती की पूजा करने से विपत्तियों का नाश होता है और समस्त रोगों से छुटकारा मिलता है

मां धूमावती पूजन विधि

• गुप्त नवरात्रि में मां धूमावती की पूजा करने के लिए स्नान करने के पश्चात काले रंग के वस्त्र धारण करें

• अब अपने घर के पूजा कक्ष में पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं

• अब अपने सामने एक लकड़ी की चौकी रखें. अब इस चौकी पर गंगाजल छिड़क कर इसे शुद्ध करें

• अब चौकी पर स्लेटी रंग का कपड़ा बिछाकर मां धूमावती की मूर्ति चित्र या यंत्र स्थापित करें

• अब मां के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं. लोबान से धूप करें और राख या भभूति से मां को तिलक करें

• अब मां धूमावती को दो रंग के पुष्प अर्पित करें और भोग के रूप में उड़द के दाल की खिचड़ी चढ़ाएं. अब मां धूमावती के मंत्र का 108 बार जाप करें

• पूजा संपन्न होने के पश्चात मां को चढ़ाया हुआ भोग सभी लोगों में वितरित करने के पश्चात चितकबरी गाय को खिला दें

मंत्र 

ओम धूम धूम धूमावती देव्यै स्वाहा 

• मन्त्र जाप करने के पश्चात् माँ धूमावती कवच का पाठ करें.

• माँ धूमावती की साधना  ग्यारह दिनों तक की जाती है

• माँ धूमावती की साधना करते वक़्त जो भी साधक पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ नियमों का पालन करता है माँ धूमावती उसकी सभी मनोकामनाओ को पूरा करती हैं

• नियमित रूप से मन्त्र जाप करने से पहले ऊपर दी गई संक्षिप्त पूजन विधि अवश्य करें

• इस बात का ध्यान रखें की माँ धूमावती की साधना करने की जानकारी को हमेशा गोपनीय रखें

• ग्यारह दिनों की पूजा संपन्न करने के बाद मन्त्रों का जाप करने के बाद हवन करें.

• हवन में काली मिर्च, काले तिल, शुद्ध घी व् हवन सामग्री को मिला लें. अब इस हवन सामग्री से हवन कुंड में आहुति दें

• हवन सम्पन्न करने के बाद धूमावती यंत्र को अपने घर से पश्चिम दिशा की तरफ पड़ने वाले काली मंदिर में दान कर दें. बची हुई पूजन सामग्री को किसी बहती हुई नदी में प्रवाहित कर दें या किसी पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें

• ऐसा करने से माँ धूमावती की साधना पूर्ण हो जाती हैं

• नियम पूर्वक माँ धूमावती की साधना करने से माँ धूमावती देवी प्रसन्न होती है और साधक के ऊपर माँ की कृपा सदैव बनी रही हैं

• माँ धूमावती की साधना करने से मनुष्य के सभी शत्रुओं का अंत हो जाता हैं. इस साधना को करने से साधक अपने शत्रुओं पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकता है.

नवरात्रि में मां धूमावती की पूजा करने के लाभ

• अगर आप अच्छी सेहत पाना चाहते हैं तो मां धूमावती के ऊपर चढ़ाई गई भभूत से अपने मस्तक पर तिलक करें

• सौभाग्य पाने के लिए मां धूमावती पर फलों का रस चढ़ाएं

• अगर आप कोई विवाद टालना चाहते हैं तो मां धूमावती पर नींबू अर्पित करने के पश्चात उसे चौराहे पर फेंक दें

• किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए मां धूमावती पर चढ़ाए गए मक्के के दाने को पक्षियों के आगे डालें

• व्यापार में सफलता पाने के लिए मां धूमावती के सामने गूगल से धूप करें

• अगर आप पढ़ाई में सफलता पाना चाहते हैं तो मां धूमावती को पीपल का पत्ता चढ़ाने के बाद उसे अपनी किताब में रखें

• प्रोफेशनल सक्सेस पाने के लिए एक सफेद कागज पर नीले रंग के कलम से धूम्र लिखकर अपनी जेब में रखें

• पारिवारिक खुशहाली लाने के लिए मां धूमावती के सामने सात अगरबत्ती जलाएं.


Disclaimer: The information presented on www.premastrologer.com regarding Festivals, Kathas, Kawach, Aarti, Chalisa, Mantras and more has been gathered through internet sources for general purposes only. We do not assert any ownership rights over them and we do not vouch any responsibility for the accuracy of internet-sourced timelines and data, including names, spellings, and contents or obligations, if any.