गुरु गोबिंद सिंह जयंती –
गुरु गोबिंद सिंह जयंती पूरी दुनिया में सिखों के बीच एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाने का दिन है।
महत्तव –
गुरू गोबिद सिंह जयंती का अपना एक बहुत ही विशेष महत्तव है। गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें और अंतिम जीवित गुरुओं में से सबसे अधिक पवित्र, प्रभावशाली और विद्वान गुरु माने जाते है। वो केवल गुरु नहीं थे अपितु वह एक योद्धा भी थे जिसने दूसरों से लड़कर सिख धर्म की रक्षा की। उन्हे एक दिव्य दार्शनिक और आध्यात्मिक नेता के तौर पर भी जाना जाता है। वह सिख गुरुओं के पवित्र वंश से संबंधित थे और साथ ही साथ सिखों के अंतिम नेता भी थे। गुरु गोबिंद सिंह के चारों बेटे धर्म की रक्षा करने में शहादत को प्राप्त हुई और इसी कारण उनका उत्तराधिकारी नहीं बचा था। गुरु गोविंद सिंह जयंती को प्रकाश उत्सव या प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है।
क्या करे –
●सुबह जल्दी उठकर ईश्वर का ध्यान करें क्योंकि ऐसा करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
●भजन कीर्तन करें
●इस दिन सेवा करना बहुत ही शुभ माना जाता है
क्या ना करे
●किसी पर भी क्रोध ना करें
●स्वंय के मन में किसी को प्रति गलत भावना ना आने दे
●मादक वस्तुओं से दूर रहें
व्रत पूजा विधि –
●इस विशेष दिन पर गुरु जी की पूजा और स्तुति बहुत ही हरर्षोल्लास के साथ की जाती है।
●जयंती से दो दिन पहले सभी उत्सव तीन दिनों तक चलते हैं, पुजारी (ग्रन्थि) पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ से शुरू होता है।
●इस दिन पूर्व संध्या पर कविताएँ और ऐतिहासिक व्याख्यान भी कहे और सुने जाते हैं।
●इस दिन भक्तों को सुबह जल्दी उठना होता है ।
●उसके बाद नहाधोकर आसा वर यानि की सुबह के भजन का पाठ किया जाता है
●और फिर पूरी श्रद्धा के साथ ही गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है।
●इस अनुष्ठान को अखंड पथ प्रदर्शन के रूप में जाना जाता है और यह सभी गुरुद्वारा में मनाया जाता है। जुलूस वास्तविक समारोहों से एक दिन पहले होता है और इसके बाद नर्तकियों और संगीतकारों और पंज प्यारों द्वारा नेतृत्व किया जाता है।
●भक्त जुलूस के समय भक्ति गीत गाते हैं और लोगों को शरबत या कोल्ड ड्रिंक और मिठाइयां भी बांटते हैं।
अंत में –
त्यौहार हमारे जीवन में खुशियो का संचार करते हैं और सही मार्ग पर चलने की सीख देते हैं।
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