मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए अवश्य करें काली पूजा
काली पूजा का महत्व-
हिंदू धर्म में दीपावली का त्यौहार प्रमुख रूप से मनाया जाता है. दीपावली का त्यौहार कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है. इस दिन सभी लोग अपने परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए बुद्धि के देवता गणेश और धन की देवी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. इसके अलावा इस दिन महानिशा यानी मां काली की आराधना करने का भी विशेष महत्व है. वैसे तो नियमित रूप से मां काली की पूजा करना फलदाई होता है. लेकिन दीपावली की रात की गई पूजा से मां काली बहुत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करती हैं.
काली पूजा से जुड़ी विशेष बातें-
• हमारे धर्म पुराणों में बताया गया है जब असुरों का नाश करने के बाद भी मां काली का क्रोध खत्म नहीं हुआ तो मां काली के इस रौद्र रूप को शांत करने के लिए भोलेनाथ मां काली के चरणों में लेट गए थे.
• जैसे ही मां काली के चरण भगवान शिव के शरीर से स्पर्श हुए उसी समय मां काली का रौद्र रूप शांत हो गया.
• तभी से मां काली के शांत रूप लक्ष्मी की पूजा आरंभ हुई. इस रात कुछ राज्यों में मां काली के रौद्र रूप की पूजा भी की जाती है.
• पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम जैसे राज्यों में दीपावली की रात को मां काली की विशेष पूजा की जाती है.
• मान्यताओं के अनुसार मां काली इस दिन 64 योगियों के साथ प्रकट हुई थी. मां काली की पूजा अर्ध रात्रि के समय की जाती है.
मां काली पूजन विधि-
• मां काली का पूजन करने के लिए सबसे पहले स्नान करने के पश्चात स्वच्छ और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें.
• अब मां काली की प्रतिमा स्थापित करके उनके सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें.
• मां काली को लाल गुड़हल के फूल चढ़ाएं. इसके पश्चात नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें.
ओम ह्रींग क्लीम चामुंडाए विच्चे
• इस मंत्र का जाप करने से जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
• मां काली को खिचड़ी तली हुई सब्जियों का प्रसाद चढ़ाएं. पूरी श्रद्धा के साथ मां काली की पूजा करने से मां काली प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामना को पूर्ण करती हैं.
• दीपावली की रात मां काली को सरसों का तेल, काला तिल और काली उड़द चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है.
• ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु दोष हैं तो माँ काली की पूजा करनी चाहिए.
• अगर आप मां काली को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें 108 गुड़हल के फूल चढ़ाएं. इसके अलावा मां काली को 108 बेलपत्र और माला चढ़ाने से भी वह प्रसन्न हो जाती हैं.
• शास्त्रों में बताया गया है की माँ काली को चमेली और चंपा के फूल बहुत पसंद है. इसलिए अगर आप मां काली को चंपा और चमेली के सुगंधित फूलों की माला अर्पित करते हैं तो जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.
• दिवाली की रात को कालरात्रि भी कहा जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के पश्चात मध्यरात्रि के समय काली मां की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है.
• दीपावली की मध्यरात्रि को तांत्रिक विशेष साधना करते हैं. तंत्र साधना के लिए मां काली की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है.