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मासिक दुर्गा अष्टमी में कन्या पूजन|

मासिक दुर्गा अष्टमी में कन्या पूजन|

9 साल तक की कन्याओं को माँ दुर्गा का स्वरुप माना गया है| जिस प्रकार चैत्र व् शरद नवरात्री के बाद कन्या पूजन का विधान है, वैष्णो माता के दरसन के बाद कन्या पूजन का विधान है, माता के जागरण के पश्चात कन्या पूजन का विधान है ठीक उसी प्रकार मासिक दुर्गा अष्टमी के व्रत में भी कन्या पूजन अवश्य किया जाता है|

  • मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत में संध्या काल के समय एक कन्या व् एक लोंगड़े को  अवश्य जिमाएँ|
  • उन्हें अपने घर में आमंत्रित करें|
  • उनके चरण धोकर उनका रोली अक्षत से पूजन करें|
  • उन्हें हलवा पूरी चनो का भोग लगाएं उपहार व् दक्षिणा भी अवश्य दें|
  • विदा करते समय कन्या व् लोंगड़े के चरण चुकार आशीर्वाद भी अवश्य ले|
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