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मकरविलक्कु का मह्त्तव | Makarvilakku on 14 Jan 2025 (Tuesday)

मकरविलक्कु का मह्त्तव –

 मकरविलक्कु एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे केरल के सबरीमाला मंदिर में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हजारों की संख्या में भगवान अय्प्पा के श्रद्धालु दुनियाभर से इस मंदिर में मकरविलक्कु को देखने के लिये इकट्ठा होते है। मंदिर मे प्रजवल्लित दीपों के साथ इसकी सुंदरता देखते ही बनती है।

 कैस मनाते है मकरविलक्कु-

 यह त्यौहार नवंबर महीने से शुरु होकर मकर संक्राति तक चलता है। इस दिन पूजन के लिए श्री अयप्पा मंदिर को बहुत ही सुंदर तरीके से फूलों से सजाया जाता है और इसकी सुदंरता देखते ही बनती है।

 �       सुबह से अयप्पा मंदिर में हलचल शुरु हो जाती है और विशेष प्रकार के अनुष्ठान पंडितों द्वारा किये जाते है। सुबह 5.30 बजे से मंदिर में विशेष प्रकार की पूजा-अर्चना शुरु हो जाती है ।

�       इसके बाद 8.30 बजे से श्रीमद्भागवत कथा का पाठ किया जाता है ।

�       और शाम के समय लगभघ 530 बजे शोभा यात्रा बड़ी ही धूमधाम के साथ निकाली जाती है। शाम के समय पूरे मंदिर परिसर को बहुत ही सारे दीपकों से सजाया जाता है।

�       इसके बाद रात 9.30 बजे सैंकड़ों भक्त मंदिर में भक्तिभाव के साथ आरती करते है।

�       और इसके बाद प्रसाद वितरण एवं अन्नादानम किया जाता है।

 

मकरविलक्कु का महात्मय –

 भगवान अयप्पा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर 210 किलो का बड़ा दीपक भी जलाया जाता है। इस विशेष दिन मंदिर में सुंदर रंगोली भी मनाई जाती है।

 अयप्पा मंदिर – सबसे पवित्र मंदिरों में से एक –

 सबरीमाला को अयप्पा का भारत के सबसे अधिक पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। इसकी खास बात यह भी है कि यह बहुत ही घने जंगलों में स्थित है और इसीलिये इस मंदिर की तीर्थयात्रा शरीर, मन और आत्मा के लिए बहुत ताज़ा है।

 भक्तों को इस मंदिर में 'दर्शन' के लिए बहुत ही लंबे समय तक कठोर अनुशासन का पालन करना पड़ता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिये पंबा नदी में स्नान करने के बात तकरीबन 5 किमी पैदल चलना पड़ता है।