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मंगला गौरी व्रत | Mangla Gauri Vrat on 15 Jul 2025 (Tuesday)

किसी भी व्यक्ति के विवाह और दांपत्य सुख में मंगल योग सबसे ज्यादा बाधा उत्पन्न करता है. मंगली योग के कारण न केवल विवाह देर से होता है बल्कि कभी-कभी इस योग की वजह से सगाई या शादी होकर भी रिश्ता खत्म हो जाता है. मंगली योग को लेकर लोगों के अंदर इतना डर है कि जब लोगों को यह पता चलता है कि उनकी कुंडली में मंगल योग है तो वह इस बात को छुपाने का प्रयास करते हैं. साथ ही कुछ लोग मंगली योग को छुपाने के लिए नकली जन्मकुंडली भी बनवा लेते हैं, पर हम आपको बता दें की मंगली योग से डरने या छुपाने की कोई जरूरत नहीं है. ज्योतिष शास्त्र में मंगली योग का निवारण करने के लिए बहुत सारे उपाय बताए गए हैं. 

 मंगली योग क्या है :- 

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में लग्न चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में मंगल मौजूद हो तो मंगली योग का निर्माण होता है. 
  • जातक की कुंडली में सप्तम भाव में मंगल विवाह और दांपत्य सुख का प्रतीक होता है. इस योग में चतुर्थ या द्वादश स्थान में मौजूद मंगल अपनी दृष्टि से सप्तम भाव पर असर डालता है. जबकि सप्तम भाव में मौजूद मंगल अपनी युति से उस पर असर डालता है. 
  • अष्टम स्थान में मौजूद मंगल पति या पत्नी के रिश्तेदार, परिवार पर असर डालता है. इसी तरह लग्न चतुर्थ सप्तम अष्टम या द्वादश भाव में मंगल होने पर मंगल योग बनता है. 
  • अगर कुंडली में चंद्र से इन्हीं स्थानों में कहीं भी मंगल मौजूद हो तो चंद्र मंगल योग का निर्माण होता है. जिसे लोग चुनरी मंगल या पाग मंगली योग भी कहते हैं. 
  • दक्षिण भारत में इस योग के बताए गए पांच भाव में लग्न के स्थान पर द्वितीय भाव का ग्रहण कर इस योग का विचार किया जाता है. 
  • दक्षिण भारत में मंगली योग को कुज दोष कहा जाता है. 
क्या है मंगली योग का प्रभाव :- 
  • वैदिक ज्योतिष शास्त्र के प्रवर्तक ऋषि और आचार्यों ने मंगल को जल्दबाजी, जिद्दी और अहंकार का प्रतीक माना है. इसलिए जिस मनुष्य की कुंडली में मंगल योग होता है उसका विवाह जल्दबाजी की वजह से जिद्दी पन के कारण और कभी-कभी पारिवारिक या अहंकार के कारण सही समय पर नहीं हो पाता है. 
  • किसी भी दांपत्य जीवन की सफलता के लिए पति पत्नी के बीच लगाव और विश्वास का होना जरूरी होता है. अगर पति पत्नी दोनों ही मंगली हैं तो उनके स्वभाव में समानता होने की वजह से उन्हें प्रेम भी बना रहता है, पर अगर पति या पत्नी दोनों में से एक मंगली और एक अलग है तो यह योग उनके संबंधों को जल्दबाजी ज़िद्दीपन या अहंकार की वजह से खराब कर देता है. जिसके फलस्वरूप उनके बीच लड़ाई झगड़े मनमुटाव और कभी-कभी अलगाव तक की नौबत आ जाती है 
  • इस प्रकार मंगल योग विवाह से पहले रिश्ता तय होने में रुकावट पैदा करता है और विवाह के बाद पति पत्नी के बीच अलगाव की स्थिति पैदा करता है. 
मंगल योग दूर करने के उपाय :- 
  • मंगल योग के कारण विवाह में आने वाली रुकावट और देरी से बचने के लिए मंगला गौरी मंत्र का अनुष्ठान करना चाहिए. 
  • मंगला गौरी मंत्र का परंपरागत विनियोग,  न्यास, ध्यान, पूजन और विधि इस प्रकार है. 
श्री मंगला गौरी मंत्र :- 

 
 "ॐ गौरीशंकराय नमः" 

मन्त्र अनुष्ठान विधि:-
  • मंगला गौरी पूजन करने के लिए नित्य कर्मों से निपट कर आचमन और मार्जन करने के बाद चौकिया पटरी पर पीला कपड़ा बिछाए. 
  • अब उस पर अष्टगंध और चमेली की कलम से भोजपत्र पर लिखित श्री मंगला गौरी पूजन यंत्र की स्थापना करें. 
  • अब विधिवत विनियोग न्यास और ध्यान करके पंचोपचार रोली चावल फूल धूप दीप मंगला गौरी का पूजन करके ऊपर बताए गए मंत्रों का जाप करें. 
अनुष्ठान के नियम :- 
  • नित्य कर्मों से निपट कर आसन पर पूर्व की ओर या उत्तर की ओर मुख करके बैठें. चंदन का टीका लगाकर प्रसन्न भाव से अनुष्ठान करें. 
  • अनुष्ठान करने के लिए विश्वास पूर्वक विनियोग श्रद्धा पूर्वक पूजन और मनोयोग पूर्वक जाप करने से अनुष्ठान का सफल फल प्राप्त होता है. 
  • मंगला गौरी अनुष्ठान के लिए सूर्योदय से प्रहार पहले का समय उत्तम और मध्यान काल  मध्यम होता है. रात्रि के समय कभी भी मंगला गौरी अनुष्ठान नहीं करना चाहिए. 
  • मंगला गौरी अनुष्ठान के दिनों में हमेशा शुद्ध सात्विक एवं शाकाहारी भोजन एक समय ही ग्रहण करना चाहिए.

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