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मासिक शिवरात्रि का महत्व on 15 Oct 2020 (Thursday)

शिवरात्रि प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है जो भगवान शिव को पूरी तरह से समर्पित है। हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव अपने भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। हिंदू भक्तों के अनुसार शिवरात्रि ही एक ऐसा अवसर है जो लोगों की आत्मामन और शरीर को शुद्ध करता है।

हम में से अधिकांश लोग इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि शिवरात्रि केवल एक वर्ष में एक बार नहीं मनाई जाती हैबल्कि यह वर्ष के प्रत्येक महीने में अलग-अलग तिथियों पर पड़ती है और इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। इसकी रौनक देखते ही बनती है। प्राचीन मान्यताओं के आधार पर लोग ने भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत का पालन किया।  

शिवरात्रि के दिनशक्ति और शिव एक साथ मनाते हैं और प्रेम और शांति की जबरदस्त शक्ति पैदा करते हैं। मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है। और साल के माघ महीने में होने वाली शिवरात्रि को महा शिवरात्रि कहा जाता है।

मासिक शिवरात्रि से जूडी पौराणिक कथा

मासिक शिवरात्रि हिंदुओं के लिये बहुत ही खास और एक पवित्र दिन माना जाता है जो भगवान शिव और उनकी बारहमासी शक्ति को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। समुंद्र मंथन के दौरान हिंदू धर्मग्रंथों और परीक्षणों के अनुसारसमुद्र से ज़हर से भरा एक बर्तन निकलाजिससे  सभी राक्षसों और यहां तक कि देवताओं के बीच भी काफी डर और भय कर दिया था।

उस समय लोगों का मानना था कि इस ज़हर का बर्तन धरती को नष्ट कर देगा और इसलिए सभी लोग बहुत ही डरते हुये थे। और सभी लोगों को इसके बाद सिर्फ भगवान शिव जी से ही मदद को आवश्यता थी ।

एक तारणहार के रूप में भगवान शिव जी आगे आए और लोगों की प्रार्थना सुनी। फलस्वरूप उन्होनें जहर के बर्तन को पी लिया और उसे अपने गले में रख लिया और उसे निगला नहीं। और इसी जहर के कारण इनका गला नीला पड़ गया था।

यही कारण है कि उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है क्योंकि विष ने उनका गला नीला कर दिया था। और पृथ्वी को बचाने के लिए उनकी असाधारण शक्ति का जश्न मनाने के लिएहम शिवरात्रि मनाते हैं। इस कथा के अलावा भी अन्य कथाएं भी शिवरात्रि से जूड़ी प्रचलित है।

मासिक शिवरात्रि अनुष्ठान -

  • भगवान शिव जी के भक्त इस दिन खास तौर पर उपवास करते हैं और पूरी रात जागकर शिव जी के नाम का जाप भी करते हैं। मंदिरों में इस दिन भारी भीड़ देखी जाती है और भजन कीर्तन भी किया जाता है।
  • खास बात ये है कि इस शुभ दिन पर भगवान शिव जी के लिंग पर फलों और फलों पर दूधपानीशहद और दही के मिश्रण से बना पंचामृत चढाया जाता है ताकि वो प्रसन्न हों और भक्तों को विशेष वरदान दे सकें
  • इसके साथ ही साथ मंदिरों में भगवान को बेल पत्ता चढ़ाये जाते है और आशीर्वाद मांगा जाता है। इस प्रकार रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। लोग शांतिस्वास्थ्य और खुशी के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • इसके अलावा अविवाहित लोग अपने लिये एक अच्छे जीवन-साथी के लिए प्रार्थना करते हैं जबकि विवाहित आनंदपूर्ण जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • व्रत के अगले दिन ब्राहमणों को भोजन, वस्त्रदान आदि प्रदान करना काफी शुभ माना जाता है।

क्या है मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ -

मासिक शिवरात्रि भक्तों के बीच इसलिये भी काफी प्रचालित हैं क्योकि यह बहुत ही अतुलनीय लाभ लेकर आती है।  करियर में उन्नति की संभावना भी बढ जाती हैदुश्मनों के प्रभाव से मुक्ति मिलती हैविभिन्न भय और दुखों से मुक्ति मिलती है।मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने का लाभ यह है कि इसे रखने से आपके जीवन में ऊर्जा का संचार होता है, आपके स्वास्थय में वृद्धि होती है, असीमित खुशी और प्यार मिलता हैइसके साथ ही आपके करियर में उन्नति की संभावना भी बढ जाती हैदुश्मनों के प्रभाव से मुक्ति मिलती हैविभिन्न भय और दुखों से मुक्ति मिलती है।