Indian Festivals

मासिक शिवरात्रि | Masik Shivratri on 21 Aug 2025 (Thursday)

मासिक शिवरात्रि महत्व|

हिन्दू धर्म में भोलेनाथ की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा माना जाता है की जो भी भक्त सच्चे मन और आस्था से भोलेनाथ की पूजा अर्चना करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. हर वह मनुष्य जो भगवान् शिव का ध्यान पूजा उपासना करता है उसके जीवन की कठिनाई दूर होने लगती है साथ ही कठिनाईयों से बहार निकलने की हिम्मत मिलती है| हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है| महाशिवरात्रि के अलावा भी साल में 12 शिवरात्रि और भी आती हैं, जिन का अलग-अलग महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ स्वयं शिव लिंग रूप में प्रकट होते हैं.

भगवान् शिव का स्वरुप|

  • शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव जी का निराकार स्वरूप प्रतीक लिंग पूजन सबसे पहले ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने किया था

  • हमारे धर्म पुराणों के अनुसार महाशिवरात्रि के बाद मासिक शिवरात्रि के दिन शिव की पूजा अर्चना करना बहुत महत्वपूर्ण होता है

  • शिवरात्रि को लेकर हमारे धर्म पुराणों में बहुत सारी कथाओं का वर्णन किया गया है

कथा|

एक समय भगवान शिव बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए. उनके क्रोध की अग्नि में पूरा जगत नष्ट होने वाला था, पर माता पार्वती ने शिव जी का क्रोध शांत करके उन्हें प्रसन्न किया. इसी वजह से हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है

एक अन्य कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच मनमुटाव हो गया. ब्रह्मा और विष्णु दोनों में से कौन श्रेष्ठ है इस बात को लेकर दोनों के बीच मतभेद हो जाता है. तब शिवजी एक अग्नि के स्तंभ के रूप में उनके सामने प्रकट होते हैं और विष्णु और ब्रह्मा जी से कहते हैं कि मुझे इस अग्नि स्तंभ का कोई किनारा दिखाई नहीं दे रहा है. तब भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी को अपने द्वारा की गई गलती का एहसास होता है और वह अपनी की गई गलती के लिए शिवजी से क्षमा याचना करते हैं. इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति शिवरात्रि का व्रत करता है उसके अंदर का अहंकार नष्ट हो जाता है और मनुष्य में सभी चीजों के प्रति समान भाव जागृत होता है. शिवरात्रि का व्रत करने से मनुष्य के अंदर मौजूद विकारों का अंत हो जाता है. हिंदू धर्म में शिवरात्रि व्रत और पूजा का बहुत महत्व है. शिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म के सबसे बड़े व्रतों में से एक माना जाता है. इस दिन सभी शिव मंदिरों में शिव जी की खास पूजा की जाती है.

पूजा सामग्री

दूप, अगरबत्ती, घी का दीपक, फूल, फल, मिठाई, कथा की किताब, जल, दूध, बेलपत्र, पैसे, चन्दन, वस्त्र या कलावा, कुमकुम|

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि|

  • सूर्य उदय के पूर्व उठे खुद को शुद्ध कर स्नान आदि करलें|

  • ऊपर बताई गयी पूजा सामग्री लेकर शिव मंदिर जाएं और उनकी पूजा करें|

  • भगवान् शिव को थोड़ा दूध मिलकर जल अर्पित करें|

  • उन्हें वस्त्र अर्पित करें| वस्त्र संभव हो तो कलावा अर्पित करें|

  • उन्हें चन्दन का तिलक करें और माँ गौरी को कुमकुम का तिलक करें|

  • उन्हें बेलपत्र और पुष्प अर्पित करें| फूल अगर सफ़ेद हो तो और भी उत्तम होगा|

  • अब भगवान् शिव पर फल व् मिष्ठान अर्पित करें|

  • उनके समक्ष धुप, अगरबत्ती और घी का दीपक लगाएं|

  • उनके मन्त्र नमः शिवाय का एक माला (रुद्राक्ष) जाप करें

  • दी गयी कथा पढ़ें साथ ही चालीसा व् आरती करें|

  • शिव की रात्रि - शिवरात्रि कोई भी हो, रात की पूजा बहुत महत्वपूर्ण है| इसलिए दिन ढलने के बाद जिस भी समय संभव हो, रात्रि सबसे शुभ रहेगा शिव की पूजा अवश्य करें|

सांयकाल व् रात्रि पूजा विधि|

  • सामग्री - पुष्प, फल, मिठाई, बेलपत्र, धुप, दीप|

  • भगवान् शिव के आगे धुप दीप लगाएं |

  • उन्हें फल फूल मिठाई अर्पित करें|

  • अब रुद्राक्ष की माला पर भगवान् के मन्त्र का ध्यान पूर्व जाप करें ' नमः शिवाये'

  • उनकी स्तुति, चालीसा व् आरती करें|

मासिक शिवरात्रि नियम|

  • पूरा दिन फलाहार व्रत रखें|

  • नमक ग्रहण करें|

  • शाम की पूजा उपासना अवश्य करें|

  • व्रत का परायण अगले दिन सुबह भ्रामिन को भोजन करा क्र दान दक्षिणा देकर करें|

मासिक शिवरात्रि के नियम|

  • शिवजी को बेलपत्र बहुत प्रिय होते हैं, इसलिए शिवजी की पूजा में बेलपत्र का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. बेलपत्र से शिवलिंग पर पानी छिड़कने से महादेव का क्रोध शांत हो जाता है. इसलिए हमेशा शिवजी को ठंडे जल से स्नान कराने का नियम है

  • शिवलिंग पर चंदन का टीका लगाना बहुत शुभ माना जाता है

  • भगवान भोलेनाथ पर फल, फूल चढ़ाने का अर्थ है कि आप भगवान को धन्यवाद कर रहे हैं

  • भोलेनाथ के सामने धूप दीप जलाने से मनुष्य के सारे कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं

  • भगवान के सामने घी का दीपक जलाने से मनुष्य की अज्ञानता का अंधेरा दूर हो जाता है और ज्ञान की रोशनी मिलती है

  • भगवान भोलेनाथ के सामने दिया जलाने से मनुष्य अपने जीवन में उन्नति के द्वार को खोल सकता है

  • भगवान भोलेनाथ की पूजा में पान के पत्ते का भी बहुत महत्व होता है. पान का पत्ता संतुष्टि को दर्शाता है

  • शिव जी  का आभार प्रकट करने के लिए पान का पत्ता चढ़ाना सबसे शुभ होता है

  • हमारे धर्म शास्त्रों में मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा करना बहुत शुभ माना गया है

  • ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के बाद अगर आप शिवजी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो हर महीने आने वाली शिवरात्रि पर नियमानुसार व्रत और पूजा करना करें

  • मासिक शिवरात्रि पर भोले नाथ की पूजा करने से मनुष्य के जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं

  • इसके अलावा मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से धन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है

  • अगर आप अपने पुराने कर्ज को चुकाने पा रहे हैं तो मासिक शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की उपासना करें

  • ऐसा करने से आप का कर्ज दूर हो जाएगा

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की उपासना करने से आपके सभी कार्य बिना किसी रूकावट के पूरे हो जाएंगे.
 
 Disclaimer: The information presented on www.premastrologer.com regarding Festivals, Kathas, Kawach, Aarti, Chalisa, Mantras and more has been gathered through internet sources for general purposes only. We do not assert any ownership rights over them and we do not vouch any responsibility for the accuracy of internet-sourced timelines and data, including names, spellings, and contents or obligations, if any.