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पूर्णिमा व्रत | Purnima Vrat on 04 Dec 2025 (Thursday)

पूर्णिमा व्रत का महत्व-

हर महीने की शुक्ल पक्ष तिथि को पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अंतिम 15वीं तिथि पूर्णिमा होती है. इस दिन आकाश में चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देता है. हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पक्षबली होकर बहुत बलवान हो जाता है. पौराणिक धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि चंद्रमा को पूर्णिमा तिथि सबसे अधिक प्रिय होती है. पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ दान और किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ कारी माना जाता है. वैशाख, माघ और शुक्लपक्ष पूर्णिमा के दिन किसी भी तीर्थ स्थल पर जाकर स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

पूर्णिमा व्रत पूजन विधि-

 ,,हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि पूर्णिमा तिथि को किसी पवित्र नदी में स्थान करना शुभ होता है.

 

  • अगर आप किसी नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर घर पर भी स्नान कर सकते हैं.
  • पूर्णिमा तिथि पर पित्र तर्पण करना भी बहुत शुभ माना जाता है.
  • पूर्णिमा के दिन प्रातः काल स्नान करने के पश्चात संकल्प लेकर पूरे विधि विधान से चंद्र देव की पूजा अर्चना करें.
  • चंद्रमा की पूजा करते समय नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें.

ओम सोम सोमाय नमः

 

  • भगवान शिव को चंद्रमा अत्यंत प्रिय है. चंद्रमा भगवान् शिव की जटाओं में विराजमान रहता है. इसीलिए पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है.
  • चंद्रमा एक स्त्री प्रधान ग्रह है. इसलिए इसे मां पार्वती का प्रतीक भी माना जाता है. अगर आप पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती और संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करते हैं तो इससे आपको सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.

 

पूर्णिमा व्रत से जुड़ी विशेष बातें-

 

  • पूर्णिमा व्रत में यज्ञ और अन्य मांगलिक कार्य जैसे विवाह, देव प्रतिष्ठा आदि कर करना बहुत ही शुभ होता है.
  • भगवान शिव की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों को करने के लिए पूर्णिमा तिथि को शुभ माना गया है.
  • पौराणिक कथाओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि के दिन ही राहु ग्रह का जन्म हुआ था.
  • माघ, कार्तिक, जेष्ठ और आषाढ़ मास में आने वाली पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
  • इस दिन दान करने से सभी मनोकामना ओं की पूर्ति होती है. अगर आप समस्त पूर्णिमा का व्रत नहीं कर सकते हैं तो कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा का व्रत अवश्य करें.

 

पूर्णिमा व्रत के लाभ- 
  • अगर आप मानसिक कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो पूर्णिमा का व्रत अवश्य करें. 
  • पूर्णिमा व्रत करने से पारिवारिक कलह और अशांति दूर हो जाती है. 
  • जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्र ग्रह पीड़ित और दूषित है और इस ग्रह की वजह से जीवन में बहुत समस्याएं आ रही हैं उन्हें पूर्णिमा व्रत अवश्य करना चाहिए. 
  • पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बेलपत्र, शमी पत्र अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार की बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है. 
  • जो लोग अकारण डरते हैं या मानसिक चिंता से ग्रसित रहते हैं उन्हें पूर्णमासी व्रत अवश्य करना चाहिए. 
पूर्णिमा के दिन अवश्य करें मां लक्ष्मी की पूजा- 
  • हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि मां लक्ष्मी को पूर्णिमा तिथि विशेष प्रिय होती है. 
  • इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती है. 
  • शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन सुबह प्रातः काल उठकर स्नान करने के पश्चात पीपल के पेड़ में मीठा जल अर्पित करें. अब घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. 
  • प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के पश्चात जल में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर उससे अपने घर के मुख्य द्वार पर ओम बनाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. 
  • हर पूर्णिमा के दिन चंद्रमा उदय होने के पश्चात  मिश्री डालकर खीर बनाएं और मां लक्ष्मी को भोग लगाएं. अब इसे प्रसाद के रूप में बांट दें. ऐसा करने से आपके घर में धन के आगमन का मार्ग खुल जायेंगे. 
  • प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह के समय अपने घर के मुख्य दरवाजे पर आम के ताजा पत्तों से बना हुआ तोरण लगाएं. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. 
  • पूर्णिमा के दिन कभी भी किसी भी प्रकार के तामसिक वस्तुओं का सेवन ना करें. 
  • अपने वैवाहिक जीवन को सफल बनाने के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को पति या पत्नी दोनों में से किसी भी एक को चंद्रमा को दूध अर्पण करना चाहिए. पति पत्नी साथ में भी चंद्रदेव को दूध अर्पित कर सकते हैं ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सफल होता है. 
पूर्णिमा व्रत के लाभ- 

  • अगर आप मानसिक कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो पूर्णिमा का व्रत अवश्य करें. 
  • पूर्णिमा व्रत करने से पारिवारिक कलह और अशांति दूर हो जाती है. 
  • जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्र ग्रह पीड़ित और दूषित है और इस ग्रह की वजह से जीवन में बहुत समस्याएं आ रही हैं उन्हें पूर्णिमा व्रत अवश्य करना चाहिए. 
  • पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बेलपत्र, शमी पत्र अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार की बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है. 
  • जो लोग अकारण डरते हैं या मानसिक चिंता से ग्रसित रहते हैं उन्हें पूर्णमासी व्रत अवश्य करना चाहिए. 
पूर्णिमा के दिन अवश्य करें मां लक्ष्मी की पूजा- 

  • हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि मां लक्ष्मी को पूर्णिमा तिथि विशेष प्रिय होती है. 
  • इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती है. 
  • शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन सुबह प्रातः काल उठकर स्नान करने के पश्चात पीपल के पेड़ में मीठा जल अर्पित करें. अब घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. 
  • प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के पश्चात जल में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर उससे अपने घर के मुख्य द्वार पर ओम बनाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. 
  • हर पूर्णिमा के दिन चंद्रमा उदय होने के पश्चात  मिश्री डालकर खीर बनाएं और मां लक्ष्मी को भोग लगाएं. अब इसे प्रसाद के रूप में बांट दें. ऐसा करने से आपके घर में धन के आगमन का मार्ग खुल जायेंगे. 
  • प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह के समय अपने घर के मुख्य दरवाजे पर आम के ताजा पत्तों से बना हुआ तोरण लगाएं. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. 
  • पूर्णिमा के दिन कभी भी किसी भी प्रकार के तामसिक वस्तुओं का सेवन ना करें. 
  • अपने वैवाहिक जीवन को सफल बनाने के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को पति या पत्नी दोनों में से किसी भी एक को चंद्रमा को दूध अर्पण करना चाहिए. पति पत्नी साथ में भी चंद्रदेव को दूध अर्पित कर सकते हैं ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सफल होता है. 

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