रक्षा बंधन को त्यौहार हिदुंओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस दिन बाजारों की रौनक देखते ही बनती है। यह त्यौहार बहुत ही खुशी का पल होता हैं क्योंकि भाई बहन अपने जीवन में कितने ही व्यस्त क्यूँ ना हों, इस शुभ दिन अपने भाई-बहन से मिलने का समय निकाल ही लेते है। राखी, रक्षाबंधन, त्योहार, रक्षाबंधन, rakhi, raksha bandhan, festival, रक्षाबंधन कब है, 2021 का रक्षाबंधन कब है, raksha bandhan 2021, raksha bandhan date, when is raksha bandhan in 2021, rakhi kab hai 2021, raksha bndhan, rksha bandhan, rakhdi, rakhri, how to celebrate raksha bandhan
कब मनाते है रक्षा बंधन –
यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिया तिथि को मनाया जाता है। राखी भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक का बंधन है। रक्षा बंधन को राखी का त्यौहार भी कहा जाता है। इस दिन
रक्षा बंधन का धार्मिक महत्व:
केवल भाई बहन ही एक दूसरे को राखी नहीं बांधते इस शुभ दिन बल्कि पुरोहित भी अपने यजमान को राखी बांधते हैं। इसके अलावा आजकल लोग प्रकृति का महत्तव समझते हुये वृक्षों को भी राखी बांधते है ताकि मनुष्य और प्रकृति दोनों एक साथ चलती रहे।
कैसे मनाते है रक्षा बंधन का पर्व :
रक्षा बंधन की कथा:
ऐसा कहा जाता है सबसे पहले इन्द्र देवता जी की पत्नी देवी सची ने देवराज इन्द्र को असुरों पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से मंत्र-जाप कर शुद्ध किया गया रक्षा सूत्र बंधा था। और इस सूत्र की शक्ति के कारण देवराज युद्ध में विजयी होकर लौटे।
इसके अलावा एक और कथा है कि शिशुपाल के वध के समय भगवान कृष्ण जी की उंगली कट गयी थी तब द्रौपदी जी ने अपनी साड़ी का हिस्सा फाड़कर कृष्ण जी की उंगली पर बांधा। उस समय सावन पूर्णिमा की तिथि थी और भगवान श्री कृष्ण जी ने द्रौपदी जी को जीवन पर्यंत रक्षा का वचन दिया। और इसिलिये द्रौपदी के चिरहरण के समय श्री कृष्ण जी ने उनकी मदद की थी।
इसके अलावा एक और कहानी काफी प्रचलित है कि जब राजपूत रानी कर्मावती को अपने राज्य की रक्षा करनी की चिंता सता रही थी तो उन्होनें मुगल शासक हुमायूं को राखी भेज उनकी सहायता के लिये आग्रह किया था।