रमा एकादशी का व्रत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन किया जाता है। इस एकादशी को दिव्य रमा एकादशी और रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार अगर रमा एकादशी के दिन सच्चे मन से पूजा अर्चना की जाए तो सभी पाप खत्म हो जाते हैं और प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है। रमा एकादशी का व्रत करने से ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी दूर हो जाता है। सौभाग्यवती महिलाओं के लिए रमा एकादशी का व्रत सुख और सौभाग्य पद माना गया है।
रमा एकादशी व्रत और पूजन विधि :-
रमा एकादशी का व्रत करने के लिए प्रातः काल सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात व्रत करने का संकल्प लें।
आप जिस प्रकार व्रत करने में सक्षम है उसी के अनुसार संकल्प ले. जैसे- अगर आप पूरा दिन व्रत करने के पश्चात केवल एक समय फलाहार करना चाहते हैं तो वैसा ही संकल्प लें।
अब भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति की स्थापना करके विधिवत पंचोपचार द्वारा उनकी पूजा करें। यदि आप स्वयं पूजा करने में सक्षम नहीं है तो किसी योग्य पंडित के द्वारा पूजा करवाएं।
भगवान को चन्दन लगाने के पश्चात अपने मस्तक पर सफेद चंदन या गोपी चंदन लगाएं।
भगवान श्री कृष्ण की धूप, दीप अष्टगंध आदि से पूजा करें और इन्हे पंचामृत, फूल और ऋतु फल चढ़ाएं. इसके पश्चात श्री कृष्ण के मंत्रों का श्रद्धा पूर्वक जाप करें।
इस दिन श्रीमद्भागवत गीता का पाठ जरूर करें। रात के समय चंद्रमा उदय होने के पश्चात दीपदान करें।
अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाकर क्षमता अनुसार दान दक्षिणा दें । व्रत का पारण निम्बू पानी से करें उसके पश्चात भोजन ग्रहण करें।
भगवान कृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगाएं।
रमा एकादशी का महत्व :-
हमारे शास्त्रों के अनुसार रमा एकादशी का व्रत कामधेनु चिंतामणि के समान फल देने वाला है।
इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है और अंत में वह बैकुंठ लोक को प्राप्त होता है।
रमा एकादशी का व्रत संसार का सबसे महत्वपूर्ण और शुभ फलदाई माना जाता है।
रमा एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार की मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
इस व्रत को करने से सामान्य बीमारियों से छुटकारा मिलता है. अगर आप मन की एकाग्रता और मन से संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो यह व्रत जरूर करें।
रमा एकादशी का व्रत चातुर्मास की अंतिम एकादशी को किया जाता है। इस व्रत को करने से महिलाओं को सुखद वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है।
एकादशी के दिन ध्यान रखने योग्य बातें :-
यदि आप व्रत करने में सक्षम नहीं है तो इस दिन सात्विक और हल्का आहार ले सकते हैं।
रमा एकादशी के दिन वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए।
इस दिन मांस मदिरा और नशे की वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
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