महिलाओं के लिए बहुत पुण्यकारक होता है सौभाग्य सुंदरी व्रत
सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्व-
हमारे शास्त्रों में सौभाग्य सुंदरी व्रत को बहुत ही पुण्यकारक और लाभकारी माना गया है. सौभाग्य सुंदरी व्रत को सभी महिलाएं अपने पति और पुत्र की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए करती हैं. माता पार्वती की पूजा के साथ सौभाग्य सुंदरी के व्रत का समापन किया जाता है. सौभाग्य सुंदरी व्रत को करने से स्त्रियों को अखण्ड सौभाग्य का वरदान मिलता है. शास्त्रों में सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्व करवा चौथ के बराबर ही बताया गया है. सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन महादेव शिव और मां पार्वती की पूजा एक साथ की जाती है. माता पार्वती और भगवान शिव के आशीर्वाद से स्त्रियों को सुख समृद्धि और कल्याण की प्राप्ति होती है. सभी स्त्रियां सौभाग्य सुंदरी का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ रखती हैं. इस व्रत को और भी कई नामो से जाना जाता हैं जैसे- गौरी तृतीया, सौभाग्यशयन व्रत और सौभाग्य सुंदरी व्रत…. इस दिन सभी पत्नियां अपने अपने पतियों के लिए अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अन्न जल ग्रहण किये बिना पूरा दिन उपवास करती हैं. मान्यताओं के अनुसार सौभाग्य सुंदरी का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ती होती है.
सौभाग्य सुंदरी व्रत पूजा सामग्री-
• सौभाग्य सुंदरी व्रत को करने के लिए कई तरह की पूजन सामग्री लगती है.
• सौभाग्य सुंदरी की पूजा में फूलों की माला, फल, भोग के लिए लड्डू, पान, सुपारी, इलायची, लौंग तथा सोलह श्रृंगार की सामग्री होना अत्यंत आवश्यक होता है.
• इसके अलावा पूजा में सुहाग की सामग्री जैसे लाल साडी़, चूडियां, बिंदी, कुमकुम, मेहंदी, आलता, पायल भी चढ़ाई जाती हैं.
• इन चीजों के साथ साथ सौभाग्य सुंदरी की पूजा में सूखे मेवे, सात प्रकार के अनाज भी चढ़ाये जाते हैं.
• इसके अतिरिक्त पूजा में जल, दूध, दही, रोली, चन्दन, सिन्दुर, मेहंदी, मेवे, सुपारी, लौंग आदि भी होना आवश्यक है.
सौभाग्य सुंदरी पूजन विधि-
• सौभाग्य सुंदरी व्रत में माता पार्वती के साथ भगवान् शिव की पूजा की जाती है.
• इस दिन शिव जी के पूरे परिवार की पूजा की जाती है.
• सौभाग्य सुंदरी की पूजा करने के लिए सबसे पहले प्रात:काल में उठकर पूरे घर की अच्छी तरह से सफाई करें.
• इसके पश्चात् नित्य क्रियाओं से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके अपने घर के पूजा घर में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएँ.
• अब अपने सामने एक लकड़ी की चौकी रखे और इसके ऊपर थोड़ा सा गंगाजल छिड़ककर इसे शुद्ध कर ले.
• अब इस चौकी पर लाल रंग का कपडा बिछाएं.
• अब इसके ऊपर भोले नाथ और पार्वती की मूर्ती की स्थापना करें.
• भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति के ऊपर लाल रंग का कपडा उढ़ाये.
• पूजा आरम्भ करने से पहले भगवान सामने एक गाय के घी का दीपक प्रज्ज्वलीत करें.
• सबसे पहले श्री गणेश जी का पूजन करें.
• श्री गणेश की पूजा करने के लिए सबसे पहले उन्हें जल, रोली, मौली, चन्दन, सिन्दूर, सुपारी, लौंग, पान, चावल, फूल, इलायची, बेलपत्र, फल, मेवा और दक्षिणा आदि चढ़ाएं.
• गणेश जी की पूजा करने के पश्चात नौ ग्रहों की पूजा करें.
• अब पूरे विधि विधान के साथ शिव परिवार की पूजा करें.
• सौभाग्य सुंदरी का व्रत करने वाली महिला को माता पार्वती के सामने सभी सौभाग्य की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए.
• अब माता पार्वती की मूर्ति को जल, दूध, दही से स्नान कराये और इसके पश्चात् इन्हे लाल रंग का वस्त्र पहनाएं.
• अब माता पार्वती को रोली, चन्दन, सिन्दुर, मेहंदी अर्पित करें.
• अब सोलह श्रृंगार की वस्तुएं माता पार्वती को अर्पित करें.
• अब भगवान् शिव और माता पार्वती को सूखे मेवे, सुपारी, लौग, मेंहदी, चूड़ियां चढ़ाएं.
• इसके पश्चात् भगवान् शिव और माता पार्वती को श्रद्धा पूर्वक प्रणाम कर अपने परिवार की कामना के लिए वरदान मांगे.
• पूजा का समापन करने के पश्चात् किसी ब्राह्मण को दक्षिणा देकर व्रत का उद्यापन करें.
सौभाग्य सुंदरी व्रत के लाभ-
• सौभाग्य सुंदरी का व्रत करने से दांपत्य दोष, विवाह न होने या देर होना या मंगल दोष दूर हो जाता है.
• सौभाग्य की कामना के लिए सभी विवाहित महिलाएं और नवविवाहित महिलाएं इस व्रत को करती है. स्त्रियों के लिए सौभाग्य सुंदरी व्रत बहुत ही मंगलकारी होता है.
• सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन ही माता सती ने अपनी कठिन साधना और तपस्या से भगवान शिव को पाने का संकल्प किया था.
• माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उन्हें पति रूप में प्राप्त हुए.
• माता सती की तरह ही माता पार्वती ने भी शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी.
सौभाग्य सुंदरी व्रत से जुडी विशेष बाते-
• इसी दिन माता पार्वती को भगवान् शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे इसलिए मां पार्वती की तरह खुद के लिए उत्तम पति पाने के लिए सौभाग्य सुंदरी व्रत किया जाता है.
• जो भी महिला सौभाग्य सुंदरी व्रत को करती है उसे इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
• सौभाग्य सुंदरी का व्रत पति और संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है.
• इसके अलावा सभी स्त्रियां सुखी जीवन की कामना के लिए इस व्रत के दिन माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा करती हैं.
• सौभाग्य सुंदरी के व्रत को पूरे नियमानुसार किया जाना आवश्यक है.
• जिन महिलाओं की कुण्डली में दाम्पत्य जीवन का सुख न हो या किसी कन्या के विवाह में देरी हो रही हो तो इस सौभाग्य सुंदरी व्रत को करना चाहिए,
• अगर किसी पति-पत्नी के बीच अलगाव के अशुभ योग बन रहे हो तो भी इस व्रत को किया जा सकता है.
• मान्यताओं के अनुसार सौभाग्य सुंदरी के व्रत को करने से वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है.
• दांम्पत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए सभी महिलाओं को सौभाग्य सुंदरी व्रत करना चाहिए.
• सौभाग्य सुंदरी व्रत का समापन करने के पश्चात् माता पार्वती और जगत के पालनहार शिव जी की आराधना करनी चाहिए.