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सिंह संक्रांति | Sinh Sankranti on 17 Aug 2025 (Sunday)

क्या है सिंहसंक्रांति-

 सूर्य देव  पूरे वर्ष में  12 राशियों  का भ्रमण करते हैं. सूर्य देव सभी राशियों में लगभग1 महीने तक रहते हैं. सूर्य देव की राशि परिवर्तन को  संक्रांति के रूप में मनाया जाताहै. हिन्दू धर्म में सभी संक्रांतियों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और सभी भक्त गण संक्रांति के पर्व को पूरी  श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं. सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशिमें प्रवेश करते हैं तो उसे सिंह संक्रांति कहा जाता है.सिंह संक्रांति केदिन घी का सेवन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.दक्षिण भारत में सिंह संक्रांति को सिंह संक्रमण केरूप में मनाया जाता है. सिंह संक्रांति को एक बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है. सिंह संक्रांति के दिन भगवान विष्णु, सूर्यदेव और भगवान नरसिंह की पूजा करने का नियम है. इस दिन सभी भक्तगण पवित्र नदियों में जाकर स्नान करते हैं. अगर आपके घर के आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है तो आप अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको गंगा स्नानके समान ही पुण्य प्राप्तहोगा.

सिंह संक्रांति कामहत्वसिंह-

संक्रांति के दिन नारियल पानी और दूध से भगवान का अभिषेक किया जाता है.भगवान का अभिषेक करने के लिए ताजे नारियल पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए.कई लोग सिंह संक्रांति के दिन श्री गणेश की पूजा भी करते हैं. कुछ विशेष समुदायों में सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश करने से लेकर कन्या राशि में प्रवेश करने तक विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है.सिंह संक्रांति केदिन सूर्य देवकी पूजा का विशेष महत्व होता है. सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि सूर्य देव सिंह राशि के देवता ही माने जातेहैं.

सिंह संक्रांति सेजुड़ीविशेषबातें-

सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव अपनी राशि में वापस आ जाते हैं, जिसकी वजह से सूर्य बलशाली हो जाता हैं. बलशाली होने से सूर्य का असर और भी अधिक हो जाता है.ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि सूर्य एक आत्मा कारक ग्रह है. सूर्य देव का असर बढ़ने से सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है और मनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ने लगता है. सिंह राशि में मौजूद सूर्य की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. जब सूर्य देव सिंह राशि में विराजमान रहते हैं तब तक नियमित रूप से सूर्यदेव को प्रातःकाल जल अर्पितकरना चाहिए. सिंह संक्रांति की पूजा करने के पश्चात गाय के घी का सेवनअवश्य करना चाहिए.चरक संहिता में बताया गया है की गायका घी बहुत ही शुद्धऔर पवित्र होता है. मान्यताओं केअनुसार गाय का घी खाने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं.

 

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