वैशाख मास की महिमा
भारतीय कालगणना के अनुसार वैशाख मास को हिंदू वर्ष का दूसरा महीना माना जाता है. शास्त्रों में वैशाख मास में पवित्र नदियों में स्नान करने का नियम बताया गया है. पद्म पुराण में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति वैशाख मास में प्रातः काल स्नान करता है तो उसे अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है.
वैशाख मास का महत्व –
वैशाख मास में है भगवान बुध का जन्म हुआ था. इस महीने में मां दुर्गा के अपराजिता स्वरूप को कपूर और जटामांसी से युक्त जल से स्नान कराने का नियम है. शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास में ही ब्रह्म देव ने तिलों का निर्माण किया था. इसलिए यदि कोई व्यक्ति इस महीने में til युक्त जल से स्नान करके अग्नि में तिल की आहुति देकर शहद और तिलों से भरा पात्र दान में देता है तो उसे अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है. वैशाख मास पूरी तरह से भगवान शिव और आदिशक्ति मां पार्वती को समर्पित है.
वैशाख मास से जुड़ी विशेष बातें-
• वैशाख मास में कल्पवास नियमित रूप से किसी पवित्र नदी में स्नान, शिवओपासना, उपवास आदि को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.
• शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी व्यक्ति वैशाख मास में किसी पवित्र नदी में स्नान करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
• यदि आपके घर के आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है तो आप अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको गंगा स्नान के समान ही पुण्य प्राप्त होगा.
• वैशाख महीने के मध्य में सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद होकर उच्च स्थान पर होता है. इसलिए यह समय बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है.
• चंद्रमा और सूर्य प्रधान ग्रहों की उच्च स्थिति में मौजूद होने की वजह से इस महीने में सभी स्थितियां अनुकूल होती हैं.
• इसीलिए वैशाख मास में वार, नक्षत्र, योग, करण आदि का दोष नहीं लगता है.
• इस महीने में विशेष रूप से भगवान शिव का पूजन और व्रत करने से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं और सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है.
• वैशाख मास में भगवान शिव की पूजा करने से परिवार में खुशहाली आती है.
वैशाख मास में पड़ने वाले मुख्य व्रत और त्योहार-
• वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा की उपासना की जाती है.
• इस महीने में भगवान बुद्ध और परशुराम जयंती भी मनाई जाती है.
• वैशाख मास में भगवान ब्रह्मा ने तिलों का निर्माण किया था. इसी वजह से इस महीने में तिलों का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है.
• वैशाख मास में ही धन और संपत्ति की प्राप्ति का महापर्व अक्षय तृतीया भी मनाया जाता है.
• इस महीने में मोहिनी एकादशी भी मनाई जाती है. जो भगवान विष्णु की विशेष कृपा दिलाने में मदद करती है.
वैशाख मास पूजन विधि-
• वैशाख मास में प्रातः काल उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के पश्चात किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें.
• अब दशोपचार द्वारा भगवान शिव का पूजन करें.
• अब गाय के घी में थोड़ा सा केसर मिलाकर दीपक जलाएं और चंदन की धूप करें.
• अब भगवान शिव को बिल्वपत्र और लाल रंग के पुष्प अर्पित करें.
• अब चंदन से भगवान शिव का तिलक करें.
• दूध और शहद अर्पित करें और मावे की मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं.
वैशाख मास में करें यह उपाय-
• बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए वैशाख मास में नियमित रूप से शिवलिंग पर दही और शक्कर का घोल अर्पित करें.
• परिवार में खुशहाली लाने के लिए वैशाख मास में मौली से शिव और पार्वती का गठबंधन कराएं.
• अगर आप किसी विशेष कार्य में जीत प्राप्त करना चाहते हैं तो भगवान शिव पर चढ़ी हुई लौकी को किसी गाय को खिलाएं.
वैशाख मास में खानपान का रखें ख्याल-
• वैशाख मास में गर्मी की मात्रा लगातार बढ़ती जाती है. इसलिए इस महीने में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
• वैशाख मास में जल का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए और अधिक तेल मसाले वाली चीजों का सेवन कम करना चाहिए. इस महीने में सत्तू और रसदार फलों का सेवन करना चाहिए और देर तक सोने से भी बचना चाहिए.
वैशाख मास में करें इन नियमों का पालन-
• इस महीने में रोजाना प्रातः काल सूर्योदय से पहले जाग जाए.
• अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा तिल मिलाकर स्नान करें.
• अगर संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें.
• यदि आपके घर के आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है तो अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
• वैशाख मास में नियमित रूप से स्नान करने के पश्चात श्री हरि विष्णु की पूजा करें.
• जल का प्रयोग करने के साथ-साथ जल का दान भी करें.
• वैशाख मास में पड़ने वाली दोनों एकादशीओं का पालन करें.
• वैशाख मास में नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है.
वैशाख मास में करें इन मंत्रों का जाप-
• अगर आप धन सम्बन्धी समस्याओं से परेशान हैं तो नीचे दिए गए मन्त्र का जाप करें.
"ॐ ह्रीं श्रीं लn क्ष्मीवासुदेवाय नमः"
• यदि बहुत सारे प्रयासों के बाद भी आपके घर में संतान नहीं हो रही है तो इस मन्त्र का जाप करें.
"ॐ क्लीं कृष्णाय नमः"
• सर्वकल्याण हेतु
"ॐ नमो नारायणाय"