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बलराम जयंती | Balram Jayanti on 14 Aug 2025 (Thursday)

पूरे भारत में बलराम जयंती बहुत ही प्रसिद्ध है। बलराम जी भगवान कृष्ण के बड़े भाई है और दोनों में काफी स्नेह और प्रेम है और इससे हमें भी अपने भाई-बहनों के साथ प्रेम-स्नेह के साथ की शिक्षा मिलती है।

 

क्यूं है भगवान बलराम विशिष्ट सम्मान के पात्र -

भगवान बलराम की जयंती को हर साल मनाया जाता है। बलराम जी ने बहुत ही दानवी राक्षस धेनुकासुर का वध किया और लोगों का जीवन सुगम बनाया।

बलराम जी ही ने अपनी शक्तियों से प्रलम्बासुर का वध किया और पृथ्वी पर शांति फैलायी। बलराम जी और भगवान कृष्ण का आपस में प्रेम देखते ही बनता है और वह उनकी महिमा सदैव करते थे। बलराम जी को रास्ता नहीं देने पर यमुना देवी का पीछा किया गया और यह प्रसंग भी उन्हें पूज्नीय बनाता है। बलराम जी ने रेवती से शादी की।

कहां मनाया जाती है बलराम की जयंती –

भगवान बलराम जी को नागों के अवतार के रूप में भी पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिन नागों पर भगवान विष्णु जी विश्राम करते हैं, वो बलराम जी ही हैं। भगवान बलराम को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे बलदेव,बलभद्र और हलायुध।

  • इस दिन को उत्तर भारत में हल षष्ठी और ललही छठ के रूप में बहुत ही जोर-शोर से मनाई जाती है।
  • वहीं ब्रज क्षेत्र में इस विशेष दिन को बलदेव छठ के नाम से जाना जाता है
  • गुजरात में इस शुभ दिन को रंधन छठ के रूप में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

क्यूं आवश्यक है भगवान बलराम की भक्ति –

भगवान बलराम जी अपनी अद्भूत सुंदरता से किसी को भी चकित कर सकते हैं। वह बहुत ही सुंदर नीले वस्त्र और वन फूलों की माला पहनते हैं। उनके सुंदर बाल एक बहुत सुंदर चोटी में गुंथे हुये जो उनकी सुंदरता को और भी अधिक बढा देते हैं। बहुत ही शानदार और सुंदर झुमके उनके कानों की भव्यता को बढाते हैं। उनके चेहरे पर लगा हुआ कस्तूरी तिलक उनकी सुंदरता को और भी अधिक भव्य बनाता है।

भगवान बलराम श्रीकृष्ण जी के प्रिय है और इसीलिये उन तक पहुंचने के सभी मार्ग उनतक होकर जाता हैं। बलराम जी ही लक्ष्मण के रुप में भाई राम के साथ आये थे। वह आध्यात्तमिक गुरु हैं और उनकी दया प्राप्त करना बहुत ही आवश्यक है यदि आप भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। यादि आपको भगवान कृष्ण का प्रेंम और आशीर्वाद मिल जायें तो उससे भव्य और क्या हो सकता है।

 

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