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महिलाओं के सोलह श्रृंगार व महत्व

महिलाएं शक्ति का अवतार हैं। और महिलाओं के श्रृंगार उनके तन से निकलने वाली शक्तियों को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं|

 आइये जानते हैं महिलाओं के सोलह श्रृंगार के बारे में -

शादी का जोड़ा: शादी का जोड़ा सुन्दर और चमकदार रंगो में दुल्हन के लिए तैयार किया जाता है, जैसे लाल, पीला, गुलाबी|

परन्तु लाल रंग का जोड़ा सबसे महत्वपूर्ण व् शुभ माना जाता है|

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार लाल रंग सौभाग्य का प्रतीक माना गया है| ये एक सबसे शुभ रंग है हिन्दू धर्म के अनुसार| यह मंगल का रंग माना गया है जिसे हर मंगल कार्य में सिंदूर, कुमकुम, शादी का जोड़ा, आदि रूपों में इस्तेमाल किया जाता है| लाल रंग प्रेम का प्रतीक भी है|

विज्ञान के अनुसार लाल रंग एक बहुत ही शक्तिशाली व् प्रभावशाली रंग माना गया है जिसके उपयोग से एकाग्रता बनी रहती है| यह रंग आपकी भावनाओ को नियंत्रित कर आपको स्थिरता देता है|
 

गजरा: गजरा एक बहुत ही खूबसूरत व् प्राकृतिक श्रृंगार है| इसे महिलाएं अपने केशो में सजातीं हैं| गजरा चमेली के सुंगंधित फूलों से बनाया जाता है|

मान्यताओं के अनुसार गजरा महिला को ताज़गी व् धैर्य में सहायता करता है| शादी के समय महिला के मन में हज़ारों तरह के विचार एक साथ घर करे होते है उन्ही विचारो से उसे दूर कर शांत व् ताज़ा बनाएं रखने में गजरा सहायता करता है|

विज्ञानं के अनुसार चमेली के फूलों से महकती सुगंध हर किसी को अपनी और आकर्षित करती है| चमेली की सुंगंध तनाव को दूर करने में सबसे ज़्यादा सहायक होती है|

 
बिंदी: दोनों भौवों के बीच माथे पर लगाया जाने वाला लाल कुमकुम का चक्र होता है| जो महिला के श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है| यह त्रिनेत्र का प्रतीक माना गया है| दो नेत्रों को सूर्य व् चन्द्रमा माना गया है जो वर्त्तमान व् भूतकाल देखते है व् बिंदी त्रिनेत्र भविष्य में आने वाले संकेतो की और इशारा करता है|

विज्ञान के अनुसार बिंदी लगाने से महिला के आज्ञा चक्र सक्रिय हो जाते है| यह महिला को आध्यात्मिक बने रहने में व आध्यात्मिक ऊर्जा को बनाये रखने में सहायक होता है| यह आज्ञा चक्र को सतुलित कर दुल्हन को ऊर्जावान बनाये रखने में सहायक होता है|


सिन्दूर: सिन्दूर महिलाओं के सौभाग्यवती होने का सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक है| यह सबसे पहले शादी के समय दूल्हे के द्वारा दुल्हन की मांग में भरा जाता है| उसके बाद सौभाग्यवती महिला हर समय इसे अपनी मांग में सजाएं रखतीं हैं|

मान्यताओं के अनुसार सौभाग्यवती महिला अपने पति की लम्बी आयु के लिए मांग में सिन्दूर भरतीं हैं| लाल सिन्दूर महिला के सहस्रारा चक्र को सक्रिय रखता है| महिला के मस्तिष्क को एकाग्र कर उसे सही सूझ बूझ देता है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार यह महिलाओं के रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है| सिन्दूर में कुछ मात्रा में हल्दी निम्बू और पारा भी पाया जाता है| सिन्दूर महिला के शारीरिक तापमान को नियंत्रित कर उसे ठंडक देता है तथा शांत रखता है| ये महिला के वैवाहिक जीवन की और इशारा करता है और नयी शुरुआत को दर्शाता है|

 काजल: काजल काले रंग की आँखों में लगाई जाने वाली सिंयाही को कहते हैं| यह महिला के रुप को और निखारता है| काजल लगाने से स्त्री पर किसी की बुरी नजर का कुप्रभाव भी नहीं पड़ता है। साथ ही, काजल से आंखों से संबंधित कई रोगों से बचाव भी हो जाता है।

मान्यताओं के अनुसार काजल आँखों को और भी खूबसूरत बनाता है व काजल से भरी आँखें उसके ह्रदय के प्यार व कोमलता को भी दर्शाती हैं| काजल महिला के रूप को निखार उसे किसी की भी बुरी दृष्टि से दूर रखता है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार काजल आँखों को ठंडक देता है| आंखों में काजल लगाने से नुकसानदायक सूर्य की किरणों व धुल मिटटी से भी बचाव होता है|

 

मेहँदी: मेहँदी लगाने का शौंक लगभग सभी महिलाओं को होता है| लड़की कुंवारी हो या शादी शुदा हर महिला मेहँदी लगाने के मौके में ही रहती है| सोलाह श्रृंगार में मेहँदी भी सब महत्वपूर्ण मानी गयी है|

मानयताओं के अनुसार मेहँदी का रंग जितना लाल और गहरा होगा पति पत्नी के बीच प्रेम उतना ही गहरा और खूबसूरत होगा| मेहँदी का गहरा रंग पति पत्नी के बीच के गहरे प्रेम से सम्बन्ध रखता है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार मेहँदी महिलाओं को तनाव से दूर रहने में सहायता करती है| मेहँदी की ठंडक व् खुशबू महिलाओं को खुश बनाए रखती है|

 

चूड़ियाँ: चूड़ियों का सीधा सम्बन्ध चन्द्रमा से हैं| चूड़ियाँ कांच, लाक, सोने, चांदी की सबसे महत्वपूर्ण मानी गयी हैं| चूड़ियाँ हर सुहागिन का सबसे महत्वपूर्ण श्रृंगार है|

मान्यताओं के अनुसार चूड़ियाँ पति पत्नी के भाग्य और सम्पन्नता का प्रतीक हैं अथवा यह पति की लम्बी आयु व् अच्छे स्वास्थय के लिए महिला को निरंतर पहनने की सलाह दी जाती है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार इनसे उत्पन्न होने वाली ध्वनि महिलाओं की हड्डियों को मज़बूत करने में सहायक होती है| रक्त के परिसंचरण में महिला के लिए यह बहुत सहायक होता है|

 

मंगलसूत्र: काले और सोने के मोतियों की माला होती है|

मान्यताओं के अनुसार मंगलसूत्र एक ऐसा सूत्र है जो वर द्वारा वधु के गले में बाँधा जाता है और उसके बाद वह उसे निरंतर पहनती है| यह पति पत्नी को एक सूत्र में ज़िन्दगी भर बांधे रखता है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार मंगलसूत्र सकारात्मक ऊर्जा को अपनी और आकर्षित कर महिला के दिमाग और मन्न को शांत बनाये रखता है| मंगल सूत्र जितना लम्बा होगा और ह्रदय के पास होगा वह उतना ही फायदेमंद होगा I साथ ही मंगलसूत्र के काले मोती महिला के प्रति रक्षा प्रणाली को भी मज़बूत करने के साथ साथ नज़र से बचाता हैं I

 

कर्णफूल/इयररिंग: कर्णफूल अलग अलग प्रकार के जैसे सोने, चांदी, कुंदन, आदि से बने होते हैं | यह अलग अलग डिज़ाइन्स में पाएं जाते है|

मान्यताओं के अनुसार कर्णफूल महिला के स्वास्थ्य से सीधा सम्बन्ध रखते हैं| यह महिला के मुख की सुंदरता को ओर निखारता है अथवा इसके बिना महिला का श्रृंगार अधूरा रहता है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार हमारे कर्णपाली (ईयर लोब) पर बहुत से एक्यूपंक्चर व् एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते है जिनपर सही दबाव दिया जाये तो माहावरी के दिनों में होने वाले दर्द से राहत देता है और साथ ही किडनी और मूत्राशय (ब्लैडर) को भी स्वस्थ बनाए रखते हैं |

 
बाजूबन्ध: यह बाजु के ऊपरी हिस्से में पहना जाता है| यह सोने चांदी कुंदन या अन्य मूल्यवान धातु या रत्नों से बानी होती है|

मान्यताओं के अनुसार बाजूबन्ध महिलाओं के शरीर में ताकत बनाये रखने व पूरे शरीर में उसका संचार करने में सहायक होती है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार बाजूबन्ध बाजु में सही मात्र में दबाव  डाल रक्त प्रवाह को बेहतर करता है और रक्त के परिसंचरण में मदद करता है।

 कमरबंध: कमरबंध धातु व अलग अलग तरह के मूल्यवान रत्नों से मिलकर बना होता है| कमरबंध नाभि के ऊपरी हिस्से में बाँधा जाता है|

मान्यताओं के अनुसार महिला के लिए कमरबंध बहुत आवश्यक है| क्यूंकि यह उनकी गर्भावस्था तथा माहवारी में होने वाले दर्द से राहत देता हैं ,साथ ही अगर यह चांदी की हो तो यह महिला को मोटापे से भी दूर रखती है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार चांदी का कमरबंध सबसे उत्तम माना गया है यह महिलाओं के अंदर होने वाले सभी बदलाव जैसे माहवारी, गर्भावस्था, आदि सभी में सहायक होता है|

 
मांग टीका: मांग टीका दुल्हन को मांग में पहनाया जाने वाला ज़ेवर है| यह मूल्यवान धातु , कुंदन, जरकन, हीरे, मोती आदि का बनाया जाता है|

मान्यताओं के अनुसार मांगटीका महिला के यश व सौभाग्य का प्रतीक है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, मांग टीका महिला के शारीरिक तामपान को नियंत्रित करता है साथ ही यह साथ ही यह उनकी निर्णय लेने की शक्ति को बेहतर बनाता हैं I
 

अंगूठी: अंगूठी शादी की सबसे पहली रस्म इस अंगूठी से ही शुरू की जाती है| जिसमे दूल्हा दुल्हन एक दूसरे के साथ अंगूठी बदलते है| यह अंगूठी सोने, चांदी, हीरे आदि अमूल्य धातु व रत्न से बनायीं जाती है| और यह लड़का लड़की के बाएं हाथ की अनामिका ऊँगली में पहनाता है और लड़की लड़के के दाएं हाथ की अनामिका ऊँगली में|

मान्यताओं के अनुसार अंगूठी लड़का लड़की के बाएं हाथ की अनामिका ऊँगली में पहनाता है क्यूंकि यह ऊँगली महिला के ह्रदय से जुडी होती है और यह पति पत्नी के ह्रदय में एकदूसरे के लिए सदैव प्रेम बनाये रखने में सहायक होता है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार अनामिका ऊँगली की नसें सीधे रूप से ह्रदय व दिमाग से जुडी होतीं हैं, जो महिला को दिल व दिमागी रूप से स्वस्थ रहने में सहायक होती है|

 
पायल: पैरों में पहने जाने वाली पायल सदैव चांदी की ही सबसे उत्तम व शुभ होती है| पायल कभी भी सोने की नहीं होनी चाहिए|

मान्यताओं के अनुसार महिला के पैरों में पायल सम्पन्नता का प्रतीक माना गया है| घर की बहु को घर की लक्ष्मी माना गया है, इसी कारण घर में सम्पन्नता बनाये रखने के लिए महिला को पायल पहनाई जाती है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार चांदी की पायल महिला को जोड़ो व हड्डियों के दर्द से राहत देती है| और साथ ही उसके घुंघरूं से उत्पन होने वाली ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहती है|

 
बिछिया: बिछिया हर वैवाहिक महिला को पैरों की उँगलियों में पहनाई जाती है| बिछिया भी चांदी की ही सबसे शुभ मानी गयी है|

मान्यताओं के अनुसार महिलाओं के पैरों की उँगलियों में बिछिया पहनना सबसे शुभ व आवश्यक माना गया है उनके स्वास्थय और उनके घर की सम्पन्नता के चलते|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार पैरों की उँगलियों की नसे उनके गर्भाशय से जुडी होतीं हैं तथा उनके रक्त चाप को नियंत्रित रखतीं हैं|
 

इत्र: सुगंध ख़ास कर के गुलाब सीधे रूप से प्रेम से सम्बन्ध रखती है| सुगंध को प्रेम का प्रतीक मन गया है और यह पति पत्नी को एक दूसरे की और आकर्षित करती है|

मान्यताओं के अनुसार सौभाग्यवती महिला के लिए गुलाब की सुगंध सबसे उत्तम मानी जाती है| गुलाब पूर्णतः प्रेम का प्रतीक है, जो महिला के लगाने से उसके पति को अपनी और आकर्षित करता है|

वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार इत्र व्यक्ति को मानसिक व् दिमागी रूप से ताज़ा व् तनाव मुक्त रखता है| गुलाब की सुगंध दुसरो को अपनी और आकर्षित करती है| जिसके चलते महिला को गुलाब की सुगंध लगाने की सलाह दी जाती है| इत्र को नर्व पॉइंट्स पर लगाना चाहिए|
 
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