पूजा सामग्री
दूप, अगरबत्ती, घी का दीपक, फूल, फल, मिठाई, कथा की किताब, जल, दूध, बेलपत्र, पैसे, चन्दन, वस्त्र या कलावा, कुमकुम|
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि|
सूर्य उदय के पूर्व उठे खुद को शुद्ध कर स्नान आदि करलें|
ऊपर बताई गयी पूजा सामग्री लेकर शिव मंदिर जाएं और उनकी पूजा करें|
भगवान् शिव को थोड़ा दूध मिलकर जल अर्पित करें|
उन्हें वस्त्र अर्पित करें| वस्त्र संभव न हो तो कलावा अर्पित करें|
उन्हें चन्दन का तिलक करें और माँ गौरी को कुमकुम का तिलक करें|
उन्हें बेलपत्र और पुष्प अर्पित करें| फूल अगर सफ़ेद हो तो और भी उत्तम होगा|
अब भगवान् शिव पर फल व् मिष्ठान अर्पित करें|
उनके समक्ष धुप, अगरबत्ती और घी का दीपक लगाएं|
उनके मन्त्र ॐ नमः शिवाय का एक माला (रुद्राक्ष) जाप करें
दी गयी कथा पढ़ें साथ ही चालीसा व् आरती करें|
शिव की रात्रि - शिवरात्रि कोई भी हो, रात की पूजा बहुत महत्वपूर्ण है| इसलिए दिन ढलने के बाद जिस भी समय संभव हो, रात्रि सबसे शुभ रहेगा शिव की पूजा अवश्य करें|
सांयकाल व् रात्रि पूजा विधि|
सामग्री - पुष्प, फल, मिठाई, बेलपत्र, धुप, दीप|
भगवान् शिव के आगे धुप दीप लगाएं |
उन्हें फल फूल मिठाई अर्पित करें|
अब रुद्राक्ष की माला पर भगवान् के मन्त्र का ध्यान पूर्व जाप करें 'ॐ नमः शिवाये'
उनकी स्तुति, चालीसा व् आरती करें|