नारद जयंती से जुडी विशेष बातें-
• नारद मुनि ने ही महर्षि वेद व्यास को भागवत पुराण की रचना के लिए प्रेरित किया.
• एक और पौराणिक कथा के अनुसार एक बार वाल्मीकि ने नारद से एक ऐसे इंसान के बारे में पूछा, जो विचार, वचन और कर्म में पूर्ण है, पाप से मुक्त है और सभी गुणों का अवतार हो. नारद मुनि ने उन्हें भगवान राम और उनकी महिमा के बारे में बताया. वाल्मीकि यह जानकार बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने रामायण की रचना की.
• ऋषि नारद खगोल विज्ञान, संगीत और अन्य कलाओं के ज्ञाता थे.
• उन्होंने नारदमस्मृति ’और नारदशिक्षा’ जैसे पुराणों की रचना की जो ध्वन्यात्मकता और व्याकरण के सिद्धांतों का पालन करती है.
• उनके द्वारा किये गए प्रसिद्ध कामों का विवरण नारद भक्ति सूत्र ’और चौहत्तर सूत्र में किया गया हैं.
• नारद मुनि देवताओं के सलाहकार और संदेशवाहक थे.
• उन्होंने युधिष्ठिर को विनम्रता के गुण और धर्ममय जीवन जीने का आदर्श तरीका सिखाया.
• उन्होंने दत्तात्रेय के जन्म की पृष्ठभूमि तैयार की. वह दर्शन के सांख्य और योग प्रणालियों के स्वामी थे.