प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में सबसे शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है.
हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत चंद्र मास की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है.
हमारे धर्म पुराणों में बताया गया है कि जो भी व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है और उस दिन भगवान शिव की सच्चे ह्रदय से पूजा करता है उस व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि प्रदोष व्रत रखने से दो गायों का दान करने के समान पुण्य मिलता है.
प्रदोष व्रत को लेकर हमारे धर्म पुराणों में बताया गया है कि जब चारों ओर अधर्म, पाप, अन्याय और अनाचार फैला होगा और मनुष्य पूरी तरह से स्वार्थी हो जाएगा, व्यक्ति सत्कर्म करने की जगह गलत कार्य ज्यादा करेंगे, उस समय जो भी मनुष्य प्रदोष व्रत करके शिवजी की पूजा करेगा उसके ऊपर शिव की कृपा हमेशा बनी रहेगी.
प्रदोष व्रत को करने वाला मनुष्य जन्म जन्मांतर के चक्कर से निकल कर मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ता है और उसे अंत में स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है.
अगर आप लम्बी उम्र पाना चाहते हैं तो रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को ज़रूर करें. ऐसा करने से आपको लंबी उम्र और अच्छी सेहत मिलगी.
निरोगी काय प्राप्त करने से लिए सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि पर आने वाले प्रदोष व्रत को करना उत्तम होता है.
इस व्रत को करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
शुक्रवार के दिन पढ़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में हमेशा सुख शांति बनी रहती है.
अगर आप अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्रदोष व्रत करते हैं तो व्रत से मिलने वाले फल और भी ज्यादा हो जाते हैं.