यूँ तो हम बहुत से त्यौहार मनाते हैं लेकिन जब बात आती है पृथ्वी को बचाने तो ऐसे त्यौहारों की संख्या बहुत कम है। वन महोत्सव एक बहुत ही मह्त्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो जुलाई के महीने में आता है। इस त्यौहार की सबसे अच्छी बात यह है कि लोगों ने वन महोत्सव को काफी गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।
आज सब पेड़ लगाने के महत्व को समझ चुके है। और यह कहने की आवश्यता नहीं है पेड़ लगाना पृथ्वी को हरा-भरा और खुशहाल बनाये रखने के लिये कितना अधिक जरुरी है। हर साल पूरे देश में एक हजार से ज्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं इस त्यौहार पर । लेकिन यह संख्या बहुत कम है। कहना गलत नहीं होगा कि हमें बहुत सारे पेड़ और पौधे लगाने की जरूरत ताकि ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सके।
वन महोत्सव की उत्पत्ति –
आप में से कई सारे लोग जानना चाह रहें होगें आखिर कैसे हुई इस त्यौहार की शुरुआत । यूँ तो इस विशेष त्यौहार की शुरुआत 1950 में केंद्रीय कृषि और खाद्य मंत्री के. एम. मुंशी ने की थी लेकिन अब जाकर इसे काफी प्रसिद्धि मिली है । आज लोग पर्यावरण के बारें में काफी सोच रहे है और एक अच्छा कदम है। और अब काफी जोर-शोर से मनाया जाता है। इस त्योहार का सबसे बड़ा मकसद है लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है कि पेड़ लगाना कितना महत्वपूर्ण है।
कैसे मनाएं वन महोत्सव -
वन महोत्सव को जीवन का त्योहार कहना ना गलत होगा क्योंकि ये ना केवल मानव के लिये बल्कि पूरें पृथ्वी के लिये भी बहुत जरुरी है। वन महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है धरती मां को बचाना और इसी कारण इसे वन महोत्सव की संज्ञा दी गयी है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू जैसे प्रमुख नेताओं ने भी लोगों के इस त्यौहार के बारे में काफी शिद्दत से बताया है। खास बात यह है कि यह त्यौहार पूरे देश में बहुत ही बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इतना ही नहीं, स्थानीय प्रजातियों और वन विभाग जैसी विभिन्न प्रसिद्ध एजेंसियों भी इस काम में काफी सहयोग दे रही है। और इसी कारण अब तक विभिन्न प्रजातियों के हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं। और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी को और बहुत से पेड़ लगाने की जरुरत है। इस त्यौहार के कारण ही अब लोग घरों, दफ्तरों, स्कूल, कॉलेजों आदि में बहुत ही बड़ी संख्या में पेड़ लगाने लगे हैं। यही नहीं बल्कि युवा पीड़ी सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी बहुत ही बड़े स्तर कर रही है ताकि अधिक-से-अधिक जागरूकता इस बारे में पैदा की जा सके।
वन महोत्सव क्यों महत्वपूर्ण है -
यह त्यौहार मनाना कई कारणों से जरुरी है क्योंकि यह सीधे तौर पर मानाव के अस्तिव से, हमारी पृथ्वी और पर्यावरण से जुड़ता है। तेजी से बढती आबादी के कारण प्रकृति का संतुलन बिगाड चुका है। और यह बहुत ही जरुरी हो चुका है कि विकास और पर्यावरण के बीच बहुत ही सुंदर संतुलन बनाया जा सके।
विनिर्माण और अन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए तेजी से बहुत सा पानी उपयोग किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कारखानों से बहुत सारा पानी बिना उपचारित किये छोड़ा जा रहा है। पर्यावरण को बचाने के लिये जरुरी है कि सभी लोग समान रुप से सहयोग करें। पेड़ हमारे पर्यावरण का आधार हैं ।
वन-महोत्सव के दौरान पेड़ लगाने से आशय –
• अधिक पेड़ लगाने से अधिक ईंधन प्राप्त होता है।
• मवेशियों के लिए भरपूर मात्रा में चारे की पत्तियाँ प्राप्त होती है।
• अधिक पेड़ लगाने से अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
• न केवल पक्षियों बल्कि जानवरों को रहने के आदर्श स्थान मिल जाता है।
• अधिक छायादार वृक्ष होने से गर्मी कम लगती है और तापमान स्थिर रहता है।
• फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ता है।
• इसके अलावा देश के संभावित खाद्य संसाधनों को शानदार तरीके से जोड़ना ताकि भोजन का कमी ना हो।
• वन-महोत्सव लोगों के बीच पेड़ों के प्रति आदर और प्यार बढ़ाने के लिए भी काफी सहायक है।
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