दिवाली का त्यौहार 3 दिनों का होता है. धनतेरस, रूप चौदस और दिवाली.
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन धनतेरस की पूजा की जाती है.
धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा करने का विधान है. भगवान कुबेर धन संपत्ति और वैभव के देवता है. धनतेरस की पूजा करने से देवताओं के वैद्य धन्वंतरि निरोगी काया प्रदान करते हैं और अकाल मृत्यु के डर को खत्म करते हैं.
हमारे धर्म पुराणों में धनतेरस की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण और कल्याणकारी बताया गया है.
धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है.
इस दिन धन्वंतरी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है.
इसके अलावा इस दिन धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का भी बहुत महत्व होता है.
धन लाभ का उपाय :-
अगर आप धनत्रयोदशी के दिन धन लाभ पाना चाहते हैं तो इस दिन किसी मंदिर या पवित्र नदी के किनारे पर जाकर नीचे पड़े सिक्के को उठा ले. अब इस सिक्के को शुद्ध करके अपने घर के पूजन स्थान पर रखें. अब पंचोपचार द्वारा सिक्के की पूजा करें. अब सिक्के को अक्षत, गोमती चक्र और काली हल्दी के साथ पीले कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से पूरे साल आपको धन संपत्ति का लाभ मिलता रहेगा.
कैसे करें धनतेरस पूजन :-
व्यापारी धन लाभ पाने के लिए धनत्रयोदशी के दिन अपनी दुकान या ऑफिस को पानी से धोकर साफ सुथरा करें. अब अपने ऑफिस या दुकान के मुख्य द्वार पर आम के पत्ते का तोरण लगाएं.
अब जमीन को गोबर से लीप कर उसके ऊपर लकड़ी का पट्टा रख कर बैठे.
अब अपने काम की मेज पर केसर और सिंदूर का स्वास्तिक बनाएं.
अब एक चांदी की डिब्बी में शहद और नागकेसर रखकर अपनी तिजोरी में बंद कर दें.
ऐसा करने से आपका व्यापार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करेगा.
इस दिन भूल कर भी किसी व्यक्ति को उधार ना दे या फिर व्यर्थ में पैसे खर्च ना करें.