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हरियाली अमावस्या:जानिए वृक्ष लगाने का महत्त्व

आज के बदलते परिवेश में वृक्षों व जंगलों का अस्तित्व खतरे में है उन्हें संरक्षित करने और उनका क्षेत्र फल बढ़ाने के उदेदष्य से राज्य व भारत सरकार की ओर से हरियाली का स्तर बढ़ाने के लिए कई वन उद्यानों के निर्माण के कार्य इस हरियाली अमावस के मौके पर शुरू किए जाते हैं।
 
इस व्रत में वृक्षों के पूजन व अमावस के दिन तीर्थ स्थानों मे स्नान दान का बड़ा महत्त्व है। शास्त्रों मे वृक्षों के रोपने उनका संरक्षण करने का बड़ा फल व महत्त्च है।
 
एक वृक्ष लगाने से दस पुत्रों के बराबर फल मिलता है। अर्थात् हरियाली अमावस के पर्व में विभिन्न वृक्षों के संरक्षण तथा नीम, पीपल, बरगद आदि के पूजन का विधान भी है।
 
इस दिन वृक्ष लगाने का बड़ा महत्त्व है। इस मौके पर वृक्ष लगाने उसकी सेवा करने से जो फल कुआं, बावली, तालाब, नहर, बोरबेल, खोदने उन्हें जन हित के लिए समर्पित करने व तीर्थ स्थानों में स्नान दान का फल होता है वह इस दिन वृक्ष लगाने से मिलता और अंत मे श्री हरि के धाम में स्थान प्राप्त होता है उसे पुत्र धन यश की प्राप्ति होती है .
 
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