ज्येष्ठ मास में क्या करें-
• ज्येष्ठ मास में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है.
• प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने यह संदेश दिया था कि इस महीने में गंगा का पूजन करना चाहिए और जल के महत्व को समझना चाहिए.
• प्यासे को पानी पिलाना चाहिए, जल का बचाव करना चाहिए.
• नियमित रूप से प्रातः काल और सायं काल में सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए.
• जेष्ठ मास में पड़ने वाले हर रविवार को व्रत करना चाहिए..
• ज्येष्ठ मास के मंगलवार के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है.
• ज्येष्ठ अमावस्या को पूर्वजों और पितरों की शांति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.
• ज्येष्ठ मास में अधिक सोना नहीं चाहिए.
• इसके अलावा शास्त्रों में ज्येष्ठ के महीने में दोपहर में चलना मना किया गया है. इस समय धूप में चलने के कारण मनुष्य बीमार पड़ सकता है.
• ज्येष्ठ मास में अगर हो सके तो एक वक्त ही भोजन ग्रहण करना चाहिए.
• शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास में ही श्री राम जी पहली बार हनुमान जी से मिले थे. इसलिए यह महीना हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है.
• इस महीने में राम जी के साथ हनुमान जी की पूजा करना बहुत ही फलदायक होता है.