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मोहिनी एकादशी व्रत में अवश्य करें इन नियमो का पालन

मोहिनी एकादशी व्रत में अवश्य करें इन नियमो का पालन

• मोहिनी एकादशी के दिन लोग पूरे दिन अन्न जल ग्रहण किये बिना ही व्रत का पालन करते हैं. जो लोग व्रत करने में सक्षम नहीं है वो फल, सब्जियां और दूध फलाहार का सेवन कर सकते हैं.
 
• मोहिनी एकादशी का व्रत एकादशी तिथि के एक दिन पूर्व अर्थात दशमी तिथि को आरम्भ होता है. 
 
• यदि आप मोहिनी एकादशी का व्रत करते है तो एकादशी के एक दिन पहले सूर्यास्त से पहले एक बार 'सात्विक' भोजन ग्रहण करे.
 
• एकादशी के दिन पूर्ण उपवास किया जाता है और ये व्रत द्वादशी तिथि सूर्योदय तक जारी रहता है. 
 
•  मोहिनी एकादशी के दिन अपने देवता की पूजा-अर्चना करके रात भर भजन गाकर और श्रीकृष्ण की स्तुति में मंत्रों का जाप किया जाता हैं.
 
• अगर आप स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण सख्त उपवास नियमों का पालन करने में सक्षम नहीं हैं तो आप मोहिनी एकादशी पर आंशिक उपवास या व्रत का पालन कर सकते हैं. 
 
• मोहिनी एकादशी के दिन  चावल और सभी प्रकार के अनाज का सेवन वर्जित है.
 
• मोहिनी एकादशी का पर्व अन्य सभी एकादशियों की तरह, भगवान विष्णु को समर्पित होता है. 
 
• मोहिनी एकादशी के दिन भगवान् विष्णु की पूजा करने के लिए विशेष 'मंडप' तैयार किया जाता है. 
 
• सभी भक्त मोहिनी एकादशी के दिन चंदन, तिल, रंग-बिरंगे फूलों और फलों से भगवान की पूजा करते हैं. 
 
• भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते बहुत ही प्रिय होते है इसलिए भगवान् विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है. 
 
• कुछ क्षेत्रों में मोहिनी एकादशी के दिन, भगवान राम, भगवान विष्णु के एक अवतार की भी पूजा की जाती है.
 
  आगे पढ़िए  एकादशी की आरती
 

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