सीता नवमी पूजन विधि-
• सीता नवमी के दिन वैष्णव लोग उपवास करके भगवान् श्रीराम और माता सीता का पूजन करते हैं।
• सीता नवमी के दिन भगवान् श्रीराम और माता सीता का पूजन करने से पृथ्वी का दान करने के समान फल प्राप्त होता है।
• सीता नवमी या सीता जयंती पर, विवाहित महिलाओं को भगवान राम और लक्ष्मण के साथ देवी सीता की पूजा करनी होती है।
• वैष्णव भक्तो के साथ साथ अतिरिक्त अन्य सम्प्रदाय के लोग भी सीता नवमी के दिन उपवास करके भक्ति पूर्वक माता सीता और श्रीराम की पूजा करते हैं।
• सीता नवमी की पूजा करने के लिए नवमी तिथि के एक दिन पहले ही अष्टमी तिथि को तैयारियां शुरु कर दें।
• अष्टमी तिथि के दिन अपने घर में अच्छी तरह से साफ-सफाई कर लें।
• अब अपने घर में एक पवित्र स्थान पर एक मण्डप का निर्माण करें।
• चार स्तंभों का छोटा सा पूजा मंडप स्थापित करने के पश्चात् उसे सुन्दर फूलों से सजाये।
• मंडप को फूलो से सजाना भी सीता नवमी के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है।
• मंडप में श्रीराम और सीता के साथ साथ लक्ष्मण,भगवान हनुमान,राजा जनक की मूर्तियों की भी स्थापना करें।
• देवी सीता की पूजा करने से पहले धरती माँ की पूजा करके अपने दोनों हाथ जोड़ कर उनसे प्रार्थना करें।
• अब अपने वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए देवी सीता और भगवान राम की एक साथ पूजा करें।
• सीता नवमी के दिन माता सीता की मूर्ति के समक्ष तिल, चावल, जौ और फल अर्पित करें।
• अब माता सीता के सामने घी का दीपक जलाये।
• अब भगवान् को फूल अर्पित करें।
• सीता नवमी के दिन माता सीता को मिष्ठान का भोग लगाए।
• अगर आप एक विवाहित महिला हैं, तो आपको अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ व्रत के नियमो का पालन करना होगा।
• मान्यताओं के अनुसार जो भी महिला सीता नवमी का श्रद्धा पूर्वक व्रत करती है वह एक एक अच्छी बेटी, एक ईमानदार पत्नी और बहू और गुणवान माँ बनती है।
• अगर आप सीता नवमी या सीता जयंती के दिन भगवान राम मंदिर में श्रृंगार दर्शन, महा अभिषेकम और आरती जैसे अनुष्ठान करते है तो इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएँगी।
• सीता नवमी के दिन श्रद्धा पूर्वक माता सीता और श्रीराम की पूजा करने के पश्चात् रामायण का पाठ करें।
• अब माता सीता का स्मरण करके "जय सिया राम" का जाप करें।
• सीता नवमी या सीता जयंती के दिन माता सीता के शुभ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
मन्त्र-
ओम श्री सीताय नमः'
• माता सीता भगवान राम के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित थीं। इसलिए जो भी महिला सीता नवमी का व्रत करके विधि विधान के साथ माता सीता की पूजा करती है उसका वैवाहिक जीवन हमेशा खुशहाल बना रहता है।
• सीता नवमी या सीता जयंती की पूजा करने के पश्चात् सीता नवमी की कथा सुने।
• इस दिन गरीबों को जौ, चावल या गुड़ का दान करें। और गायों को रोटी खिलाएं।
• सीता नवमी के अगले दिन पूजा करने के पश्चात् प्रसाद ग्रहण करके समय पर सीता नवमी का पारण करें।