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श्रावण पुत्रदा एकादशी पूजन विधि|

श्रावण पुत्रदा एकादशी पूजन विधि- 
  1. श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत दशमी तिथि की रात्रि से प्रारम्भ किया जाता है| 
  2. दशमी तिथि के दिन सूर्य अस्त होने के पश्चात भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए, यदि संभव ना हो तो फल व् दूध का सेवन कर सकते हैं|
  3. एकादशी तिथि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें| यदि आपके घर के आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है तो आप अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. 
  4. स्नान करने के पश्चात साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत करने का संकल्प लें. 
  5. अब अपने घर के पूजा कक्ष में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं और सामने एक लकड़ी की चौकी रखें. 
  6. अब इस चौकी पर थोड़ा सा गंगाजल छिड़क कर इसे शुद्ध करें. 
  7. अब चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. 
  8. भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने धुप और गाय के घी का दीपक जलाएं.  
  9. अब भगवान विष्णु की मूर्ति के समक्ष कलश की स्थापना करें. 
  10. अब अपनी क्षमता अनुसार भगवान विष्णु को फल, फूल, पान, सुपारी, नारियल, लौंग इत्यादि अर्पित करें. 
  11. संध्याकाल में श्रावण पुत्रदा एकादशी की व्रत की कथा सुने और फलाहार करें. 
  12. यदि आप पूरा दिन व्रत करने में सक्षम नहीं है तो आप दिन में भी फलहार कर सकते हैं. 
  13. अगले दिन सुबह स्नान करने के पश्चात ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद उन्हें दान दक्षिणा दें और व्रत का पारण करें. 
  14. श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. 
 
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