योगिनी एकादशी|
आषाढ़ मास में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन योगिनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है. हमारे शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ पीपल की पूजा करने का भी नियम है. मान्यताओं के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य द्वारा किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा शास्त्रों में बताया गया है कि योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को दान देने के समान होता है. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से योगिनी एकादशी व्रत का महत्व और पूजन विधि बताने जा रहे हैं.
योगिनी एकादशी का महत्व-
हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और वह है धरती लोक पर सभी सुखों को भोग कर मृत्यु के पश्चात मोक्ष को प्राप्त करता है. जो भी मनुष्य श्रद्धा पूर्वक योगिनी एकादशी का व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.