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माँ विंध्यवासिनी क्यों कहलायी महिषासुर मर्दिनी|

माँ विंध्यवासिनी क्यों कहलायी महिषासुर मर्दिनी| 

विंध्याचल पर्वत पर ही मां विंध्यवासिनी का मंदिर मौजूद है. मां विंध्यवासिनी को काली के रूप में भी पूजा जाता है. क्योंकि माता ने महिषासुर का संघार किया था इसलिए उन्हें महिषासुरमर्दिनि भी कहा जाता है. महिषासुर मर्दिनी के रूप में माता राक्षस का गला काटते दिखाई देंगी या फिर उसका धड़ अपने हाथ में लिए हुए दिखाई देंगी महिषासुरमर्दिनि का अर्थ है जिसने महिषासुर का वध किया है. मान्यताओं के अनुसार अग्नि में भस्म होने के बाद जहां-जहां देवी सती के शरीर के टुकड़े गिरे थे वह स्थान शक्तिपीठ कहलाया. इस स्थान को भी शक्तिपीठ कहा जाता है और यहां पर निवास करने वाली देवी काजल देवी के नाम से प्रसिद्ध है.