महालक्ष्मी व्रत आरम्भ | Mahalakshmi Vrat arambh on 31 Aug 2025 (Sunday)
महालक्ष्मी व्रत
हिंदू धर्म में महालक्ष्मी की पूजा का बहुत ही महत्व होता है। कई महिलाएं इस दिन खास व्रत रखती है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से इस व्रत की शुरुआत होती है। इसे आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक किया जाता है। माता महालक्ष्मी का व्रत पूरे 16 दिन तक चलता है। माना जाता है कि इस दिन पूरे मन और विधिपूर्वक महालक्षमी की पूजा की जाए, तो मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यही नहीं, महालक्ष्मी व्रत के दौरान ’लक्ष्मी सहस्रनाम’, ’शतनामावली’ और ’लक्ष्मी अष्टोत्तर’ जैसी धार्मिक किताबें पढ़ना भी बेहद लाभकारी माना जाता है। इसके बाद आश्विन कृष्ण अष्टमी को की शाम को लक्ष्मी मां की पूजा के बाद व्रत का समापन किया जाता है। व्रत खोलने से पहले मां लक्ष्मी की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। इसके लिए एक कलश में जल, कुछ सिक्के और अक्षत भरे जाते हैं। कलश पर आम के पत्ते या पान के पत्ते रखे जाते हैं और उसके ठीक बीचों-बीच नारियल रखा जाता है और इन सभी कुमकुम का तिलक लगाया जाता है। कलश को साफ कपड़ों से लपेटकर रखा जाता है। इसे भक्तगण देवी लक्ष्मी का प्रतीक मानकर इसकी पूजा-अर्चना करते हैं।
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