महालक्ष्मी का व्रत सोलह दिनों तक किया जाता है। हिंदु धर्म में इसे एक पवित्र अनुष्ठान माना जाना जाता है। इस अवधि के दौरान महालक्ष्मी व्रत कथा भी सुनते हैं। यदि कोई सोलह दिनों तक व्रत जारी नहीं रख सकता है, तो वह तीन दिनों तक व्रत रख सकता है। इसके लिए, पहले, आठवें और सोलहवें दिन व्रत किया जाता है। इसके अलावा, भक्त हर दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक महालक्ष्मी व्रत रखते हैं। लोग सुबह उठकर सूर्य को अर्घ्य देते हुए व्रत की शुरुआत करते हैं। इस व्रत के दौरान कलश और दूर्वा पूजन भी किया जाता है। इनकी पूजा के बाद ही व्रत आरम्भ होता है।